Flood Alert Amroha: खतरे के निशान के करीब पहुंचा गंगा का जलस्तर, गांवों में बढ़ी दुश्वारियां, चारे का संकट
गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है और खतरे का निशान मात्र 190 सेमी दूर रह गया है। बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने से आज हालात और बिगड़ सकते हैं। गंगा किनारे के गांवों में दुश्वारियां बढ़ गई हैं और पशुओं के सामने चारे का संकट खड़ा हो गया है। अंतिम संस्कार का स्थल भी डूब गया है।
जागरण संवाददाता, गजरौला/अमरोहा। पहाड़ी जलाशयों से लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से तिगरी स्थित गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। गेज भी खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। वर्तमान स्थिति से गंगा के खतरे का निशान मात्र 190 सेमी दूर रह गया है। उधर, बिजनौर बैराज से 90 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। जिसकी वजह से आज और हालात बिगड़ सकते हैं। गंगा किनारे पर बसे गांवों में दुश्वारियों का दौर जारी है। सबसे ज्यादा पशुओं के सामने चारे का संकट आ रहा है।
तिगरी स्थित गंगा के खतरे के निशान 202.00 मीटर पर है। जबकि शुक्रवार को गंगा को गंगा का गेज 200.10 पर पहुंच गया है। यानी अब खतरे का निशान 190 सेमी दूरी पर बचा है। उधर, बिजनौर बैराज से पानी छोड़ने का सिलसिला रोजाना जारी है। शुक्रवार को भी 90 हजार क्यूसेक से अधिक पानी डिस्चार्ज किया गया है।
गंगा किनारे गांवों में मुसीबत
पानी बढ़ने की वजह से गंगा किनारे पर बसे मंडी धनौरा तहसील क्षेत्र में गंगा किनारे के गांव मंदिर वाली भुड्डी, शीशोवाली, दारानगर, अलीनगर, चकनवाला ऐतवाली, सुल्तानपुर, ओसिता जगदेपुर, कांकाठेर, तिगरी, रसूलपुर भंवर, रसूलपुर एहतमाली, देवीपुर उर्फ मोहसनपुर, पपसरी खादर, मुकरामपुर, शाहजहांपुर छात, रमपुर खादर, चांदरा फॉर्म, रानी बसतौरा, बिसाबली, कुई वाली, देव वाली, पट्टी खादर, झुंडपुरा व हसनपुर तहसील के गांव सिरसा गुर्जर की मढैया, सतैडा की मढैया, गंगानगर, पौरारा, दियावली का जंगल आदि ग्रामीणों में बैचेनी बढ़ रही है।
गांव ओसिता जगदेपुर के ग्रामीण पानी से जूझते हुए खेतों पर जा रहे हैं। फसलों को भी नुकसान हो रहा है। बाढ़ खंड विभाग के जेई सुभाष कुमार ने बताया कि पानी छोड़ा जा रहा है। इसलिए जलस्तर बढ़ रहा है। हालांकि अभी खतरे जैसी कोई बात नहीं है।
तिगरीधाम में भी परेशानी, अंतिम संस्कार स्थल डूबा
जलस्तर बढ़ने के बाद तिगरीधाम में भी श्रद्धालुओं के साथ-साथ अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंचाने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है। क्योंकि पानी में अंतिम संस्कार स्थल डूब चुका है। ऐसी स्थिति में सड़क पर चिताएं जल रही हैं। इससे बहुत परेशानी हो रही है। बाकी स्नान करने के लिए भी श्रद्धालु पूरी सावधानी बरत रहे हैं। किनारे पर ही गोता लगाकर आ रहे हैं।