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तिगरी में उफान पर गंगा; अंतिम संस्कार की जगह डूबी, सड़क पर जल रहीं चिताएं, नाव के सहारे जिंदगी

Flood Alert In Amroha Tigri गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे खादर के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हो रहा है। नाव से आवागमन हो रहा है और फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। प्रशासन द्वारा निगरानी जारी है और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। सड़क पर चिताएं जल रही हैं।

By Saurav Kumar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Thu, 05 Sep 2024 02:31 PM (IST)
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Amroha News: तिगरी में गंगा जलस्तर बढ़ने पर नाव से नदी पार करते लोग।

जागरण संवाददाता, गजरौला। तिगरी स्थित गंगा की धार लगातार उफना रही है। जिससे न सिर्फ गंगा का बहाव तेज है बल्कि दायरा भी बढ़ गया है। ऐसे में कटान की समस्या बन रही है। उधर, इस उफनाती गंगा की वजह से खादर के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों की जिंदगी मुसीबतों के भंवर में फंसती जा रही है। नाव से जिंदगी चल रही है।

पहाड़ी इलाकों में वर्षा जारी है। उस वर्षा का सीधा असर मैदानी क्षेत्रों की नदियों में पड़ रहा है। क्योंकि पहाड़ी जलाशयों से पानी छोड़ा जा रहा है।

गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी

बुधवार को भी बिजनौर बैराज से तिगरी स्थित गंगा में एक लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी छोड़ा गया था। जिसकी वजह से गंगा का गेज 199.50 से बढ़कर 200.00 मीटर पर पहुंच गया था। हालांकि खतरे का निशान 202.00 मीटर पर है। तिगरीधाम में पुरोहितों की झोपड़ियां जलमग्न हैं। अंतिम संस्कार स्थल भी डूबा हुआ है। सड़क पर चिताएं जल रही हैं।

इन गांवों में बढ़ी परेशानी

गंगा किनारे पर बसे गांव मंदिर वाली भुड्डी, शीशोवाली, दारानगर, अलीनगर, चकनवाला ऐतवाली, सुल्तानपुर, ओसिता जगदेपुर, कांकाठेर, तिगरी, रसूलपुर भंवर, रसूलपुर एहतमाली, देवीपुर उर्फ मोहसनपुर, पपसरी खादर, मुकरामपुर, शाहजहांपुर छात, रमपुर खादर, चांदरा फॉर्म, रानी बसतौरा, बिसाबली, कुई वाली, देव वाली, पट्टी खादर, झुंडपुरा व हसनपुर तहसील के गांव सिरसा गुर्जर की मढैया, सतैडा की मढैया, गंगानगर, पौरारा, दियावली का जंगल आदि ग्रामीणों में बैचेनी बढ़ी हुई है। क्योंकि पानी कटान करते हुए आबादी की तरफ को बढ़ रहा है। ओसिता जगदेपुर में बहुत दिक्कत है। ग्रामीण बाढ़ के पानी में होकर खेतों पर जा रहे हैं। मंदिर वाली भुड्डी व दारानगर में नाव से ग्रामीण आ-जा रहे हैं।

पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा का क्रम जारी है। इसलिए पानी भी लगातार छोड़ा जा रहा है। हालांकि खतरे का निशान 202.00 मीटर पर है। जिससे गंगा अभी बहुत दूर है। निगरानी जारी है। गांवों में भी मुनादी करवाई जा रही हैं। सुभाष कुमार, जेई, बाढ़ खंड विभाग।

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