बेटे को बचाने के लिए मां ने दी अपनी किडनी, आठ महीने बाद ब्रेन हेमरेज से हो गई मौत, मचा कोहराम
उत्तर प्रदेश के अमरोहा से दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक परिवार के इकलौते बेटे की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। दुखद यह है कि बेटा तकरीबन आठ माह पहले बीमार हो गया था उस दौरान उसे बचाने के लिए मां ने अपनी किडनी दी थी लेकिन दोबारा तबीयत खराब होने पर उसे बचाया नहीं जा सका।
राशिद चौधरी, अमरोहा। मां तो मां है। उसे शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। बेटा बीमार हुआ तो मां मुनेश ने किडनी देकर लाडले को तो बचा लिया, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। इकलौता बेटा आठ माह ही मां को खुशी दे सका। ब्रेन हेमरेज से उसकी मृत्यु हो गई।
पहले पिता देने वाले थे किडनी
हसनपुर के चमन कसाना का 25 वर्षीय बेटा निखिल बीटेक कर रहा था। 2022 में बीमार हो गया। मां और पिता चमन ने बेटे की जान बचाने के लिए अपनी किडनी देने का निर्णय लिया। पहले पिता ने किडनी देने को अनुमति लेने के लिए कागजी कार्रवाई की। ब्लड ग्रुप चेक कराया तो वह नहीं मिला।
लिहाजा मां ने अपनी किडनी देने को औपचारिकताएं पूरी कीं। करीब आठ माह पहले किडनी ट्रांसप्लांट हो गई। कुछ दिन बाद निखिल स्वस्थ हो गया। कॉलेज भी जाने लगा। परिवार भी बेटे के स्वस्थ होने से बेहद खुश था।
परिवार की यह खुशी अधिक दिन कायम नहीं रह सकी। आठ दिन पहले निखिल को बुखार आया। स्थानीय स्तर पर ठीक नहीं होने पर परिजन दिल्ली ले गए। वहां चार दिन इलाज कराने के बाद सोमवार को अस्पताल से छुट्टी कराकर लौट आए।
मंगलवार को स्वास्थ्य फिर खराब हो गया। परिजन फिर दिल्ली दौड़े। इलाज के दौरान निखिल को ब्रेन हेमरेज हो गया और बुधवार रात उनकी मृत्यु हो गई। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा एक बहन है। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बहन करेगी भाई के सपने को साकार
निखिल पढ़ाई पूरी नहीं कर सके, लेकिन बहन राशि उसके सपने को पूरा करना चाहती है। वह मास कम्यूनिकेशन का कोर्स करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हैं। राशि अपने माता-पिता को दिलासा दे रही है कि भाई की कमी को पूरा करेगी।
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