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Bijli Vibhag : बिना करंट रोधी किट के खंभों पर चढ़ाए जा रहे लाइनमैन, गवां रहे जान

लाइनमैन सोनू बताते हैं कि कंपनी की तरफ से हमें आज तक कोई भी करंटरोधी उपकरण उपलब्ध नहीं कराया गया है। कई बार कंपनी से उपकरण उपलब्ध कराने की मांग कर चुके हैं। जिससे मजबूरी में बिना उपकरण पहने खंभों पर चढ़कर लाइन दुरुस्त करना पड़़ता है। हमारी जान को जोखिम है। ऐसे में जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ता है।

By Kunwar Pal Singh Edited By: Mohammed Ammar Updated: Mon, 22 Jul 2024 10:56 PM (IST)
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एक साल के अंदर करंट की चपेट मेंं आकर पांच लाइनमैन गवां चुके जान।
जागरण संवाददाता, अमरोहा। बिजली विभाग के संविदा लाइनमैन की जिंदगी से कंपनी संग बिजली विभाग के अफसर भी खिलवाड़ कर रहा है। बिना करंटरोधी किट के ही उन्हें बिजली के खंभों पर चढ़ाया जाता है। इससे आए दिन करंट की चपेट में आकर लाइनमैन हादसों के शिकार हो रहे है।

शहर में चार दिन पहले करंट से झुलसे लाइनमैन को भी करंटरोधी किट उपलब्ध नहीं कराई गई थी। इसके चलते वह मेरठ के अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। एक साल के अंदर पांच संविदा लाइनमैन की करंट की चपेट में आकर जान जा चुकी है।

821 लाइनमैन संविदा में भर्ती

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए जिले स्थाई और संविदा पर 843 लाइनमैन कार्यरत है। इनमें से 821 लाइनमैन संविदा वाले शामिल हैं। जिसमें पूरे जिले की कमान संविदा लाइनमैन संभाल रहे हैं। संविदा पर लाइमैन की तैनाती कंपनी की तरफ से की जाती है। लाइनमैनों को कहीं फाल्ट, जर्जर लाइन ठीक करने के लिए कंपनी की तरफ से करंटरोधी किट उपलब्ध कराई जाती है।

किट में हेलमेट, सेफ्टीबेल्ट, अर्थिंग चेन, वर्दी, जूता, झूला आदि उपलब्ध कराया जाता है, ताकि बिजली करंट के हादसों से बचा जा सके। फिलहाल ठेके पर लाइनमैन से काम ले रही आरएमएस कंपनी की तरफ से भी अब तक करंटरोधी उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। जिससे बिना करंटरोधी किट पहने लाइनमैन मजबूरी में अपनी जान जोखिम में डालकर जर्जर लाइन, फाल्ट ठीक कर रहे हैं। जिसके कारण आए दिन लाइनमैनों के साथ हादसे होते रहते है।

कई गंवा चुके हैं जान

शहर के 99 बिजली घर पर तैनात करंट से झुलसे संविदा लाइनमैन उमेश को भी करंटरोधी किट नहीं दी गई थी। वह बिना किट पहने चार दिन पहले मंडी चोब में पोल पर चढ़कर लाइन ठीक कर रहा था। जिससेे वह करंट की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गया और अब वह मेरठ के हायर सेंटर अस्पताल में जिंदगी-मौत से जूझ रहा है।

कंपनी व विभाग की लापरवाही का ही कारण है कि एक अप्रैल 2023 से अब तक हसनपुर के पूरन सिंह, गजरौला में गोविंद सिंह, रजबपुर में अमर सिंह समेत पांच संविदा लाइनमैन की मृत्यु हो चुकी है। जबकि इससे अधिक करंट से बुरी तरह झुलसकर चोटिल हो चुके है। इन्हें भी करंटरोधी सुरक्षा उपकरण नहीं दिये गए थे।

अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि संविदा लाइनमैन की मानिटरिंग व करंटरोधी उपकरण उपलब्ध कराने का दायित्व आरएमएस कंपनी का है। अगर उपकरण उपलब्ध नहीं कराए हैं तो कंपनी से लाइनमैनों को करंटरोधी उपकरण दिलाए जाएंगे।

उपकरण पहनकर लाइन पर काम करने से नहीं जाएगी जान

एक्सईएन निखिल वर्मा ने बताया कि कंपनी की तरफ से सभी लाइनमैनों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। जिसे पहनकर चलती लाइन पर भी लाइनमैन खंभों पर चढ़कर काम करें करंट नहीं लगेगा। जिससे हादसे होने बंद हो जाएंगे।

आरएमएस कंपनी कपिल शर्मा ने बताया कि माहभर पहले ही हमारी कंपनी को टेंडर हुआ है। जबकि पहले काम करने वाली कंपनी ने सभी लाइनमैनों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करा रखे हैं। अगर किसी के पास करंटरोधी उपकरण नहीं है तो उन्हें उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

फीडरों पर मानक के विपरीत लाइनमैन तैनात

एक्सईएन निखिल वर्मा ने बताया कि जिले 60 प्रतिशत लाइनमैन कर्मियों का अभाव है। विद्युत वितरण प्रथम में 70 फीडरों पर तीनों शिफ्ट में 210 लाइनमैन की जरूरत है, क्योंकि हर फीडर तीनों शिफ्ट में तीन लाइनमैन होने चाहिए। लेकिन महज 80 लाइनमैन तैनात है।

वहीं विद्युत वितरण खंड द्वितीय के एक्सईएन पुनीत निगम ने बताया कि 84 फीडरों पर महज 85 लाइनमैन तैनात है। जबकि फीडरों पर तीनों शिफ्ट के हिसाब से 252 लाइनमैन की जरूरत है। किसी तरह लाइनमैन आपस में ही समन्वय बनाकर काम कर रहे है। लाइनमैनों की कमी पूरी करने के लिए ऊपर डिमांड भी की गई है।

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