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UP News : कटान की समस्या बनेगी चिंता का सबब, दाे धार में बट रही गंगा- बढ़ सकती हैं परेशानियां

पिछले साल की तरह इस बार भी तिगरी मेला के लिए काफी क्षेत्रफल खाली है। यानी गंगा का रूझान गढ़मुक्तेश्वर की तरफ को बढ़ा हुआ है। लेकिन चिंता की बात ये है कि इस बार गंगा की धार दो हिस्सों में बटी हुई है। बीच में टापू है। अगर टापू पर श्रद्धालु बस गए तो फिर स्नान के दौरान डूबने की आशंकाएं बढ़ जाएंगी।

By Saurav Kumar Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sat, 12 Oct 2024 06:35 PM (IST)
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अभी से ही इस समस्या पर विचार करते हुए कदम नहीं बढ़ाया तो परेशानी होगी।

जागरण संवाददाता, गजरौला। तिगरी मेला नजदीक आ रहा है। तैयारियों का सिलसिला भी शुरू सा होने लगा है। भले ही अभी अधिकारी शांत हो लेकिन, मेलास्थल की भौगोलिक स्थिति पर नजर डालें तो चिंता वाली है। क्योंकि गंगा की धार दो हिस्सों में बट रही है। बीच में टापू बना हुआ है। ऐसी स्थिति में कटान की समस्या बन रही है। अगर, बाढ़ खंड विभाग ने अभी से ही इस समस्या पर विचार करते हुए कदम नहीं बढ़ाया तो परेशानी होगी। घाट बनाने में सबसे ज्यादा दिक्कत होगी। गंगा की धार एक ही होनी चाहिए।

पिछले साल की तरह इस बार भी तिगरी मेला के लिए काफी क्षेत्रफल खाली है। यानी, गंगा का रूझान गढ़मुक्तेश्वर की तरफ को बढ़ा हुआ है। लेकिन, चिंता की बात ये है कि इस बार गंगा की धार दो हिस्सों में बटी हुई है। बीच में टापू है। अगर, टापू पर श्रद्धालु बस गए तो फिर स्नान के दौरान डूबने की आशंकाएं बढ़ जाएंगी।

इसलिए इस विषय पर अभी से ही ध्यान देना होगा। उधर, धार दो होने की वजह से कटान की समस्या भी बन रही है। मेला प्रभारी मायाशंकर यादव ने बताया कि बाढ़ खंड विभाग को इस संबंध में निर्देशित किया गया है कि वह अपनी जिम्मेदारी वाले कार्यों को जल्दी देख ले। फिर समय रहते उस पर कार्य शुरू कर दें। ऐन मौके पर कुछ नहीं होने वाला है।

बिना एसएमएस धान काट रही कंबाइन पकड़ी

संस, कलीनगर। खेतों में धान फसल की कटाई शुरू हो चुकी है। पराली प्रबंधन के नियमों का उल्लघंन करने पर तहसील प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है। तहसीलदार ने बिना एसएमएस धान काट रही कंबाइन को पकड़ लिया। बाद में चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

धान कटाई के सीजन में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाते हैं। तहसील क्षेत्र में धान फसल की कटाई शुरू हो चुकी है। अनेक किसान कंबाइन मशीन से धान की कटाई कराते हैं। पुआल को खेत में ही छोड़ दिया जाता है।

जिसे किसान आग लगा कर जला दिया करते हैं। तहसील प्रशासन ने सभी लेखपालों को पराली फूंकने से रोकने के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। तहसीलदार हबीब उर रहमान अंसारी ने बताया कि कंबाइन चालकों पहले ही एसएमएस लगाकर धान काटने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि चित्तरपुर गांव में बिना एसएमएस के धान काट रही कंबाइन को तहसील लाया गया। उन्होंने बताया कि माफी मांगने पर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है।


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