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उत्तर प्रदेश में अमरोहा के इस गांव में विकास संग बह रही आत्मनिर्भरता की गंगा

भीकापुर मुंढा के प्रधान मोहित बताते हैं कि सेवानिवृत्त शिक्षक मुरारी लाल शर्मा ने उन्हें गांव में ही युवाओं को रोजगार की व्यवस्था करने की प्रेरणा दी थी। कोरोना काल के दौरान सेवानिवृत्त शिक्षक स्वर्गवासी हो गए। उनके बताए रास्ते व आदर्शों पर ही मोहित अमल कर रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Thu, 17 Nov 2022 06:15 PM (IST)
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उप्र में अमरोहा के भीकनपुर मुंढा के प्रधान ने सरकारी और निजी प्रयासों से बदली छवि
राहुल शर्मा, अमरोहा: लोकतंत्र की बुनियाद पंचायती राज में है जिसका उद्देश्य गांव के साथ ग्रामीणों का विकास है। सरकारी धन के समुचित उपयोग से गांव के विकास को गति देने के साथ निजी प्रयासों से ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अनूठा माडल उत्तर प्रदेश में अमरोहा के भीकनपुर मुंढा गांव में दिखता है। यहां के युवा प्रधान मोहित चौधरी ने पक्की सड़कों, नालियों, तालाब और पानी की टंकी जैसी सुविधाएं विकसित करने में सरकार से मिलने वाली राशि का उपयोग किया है और निजी प्रयासों से एक मुर्गी फार्म और आटो वर्कशाप में गांव के युवाओं को रोजगार दिया है। साथ ही, स्वरोजगार के लिए युवाओं को ब्याजमुक्त ऋण भी दिया जाता है। इससे पलायन की समस्या का भी निदान हो रहा है।

गांव के युवाओं का पलायन रोकने के लिए मोहित ने वर्ष 2015 में वाहनों की मरम्मत को गैराज खोला। इसमें गांव के 12 युवाओं को भी रोजगार मिला है। जिन्हें प्रतिमाह नौ-नौ हजार रुपये वेतन दिया जाता है। यह वर्कशाप गांव से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। ये सभी युवा सुबह काम पर जाते हैं और शाम को गांव लौट आते हैं। रोजगार के लिए वर्कशाप वाला प्रयोग सफल रहने के बाद प्रधान मोहित ने अगले कदम में गांव में बड़ा मुर्गी फार्म खोला जिसमें 30 ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिला है। उन्हें हर माह दस-दस हजार रुपये वेतन मिलता है। प्रशिक्षण के बाद ये युवा ही इस मुर्गी फार्म का सारा काम संभाल रहे हैं। आत्मनिर्भरता के इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए शुरू की गई ब्याजमुक्त ऋण योजना का लाभ भी गांव के दस युवक ले चुके हैं। इस राशि से उन्होंने स्वरोजगार आरंभ किया है और परिवार की आर्थिकी बेहतर करने के साथ धीरे-धीरे ऋण भी चुका रहे हैं। लगातार दूसरी बार प्रधान चुने गए मोहित ने स्नातक हैं। वह कहते हैं कि गांव का विकास उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसी के लिए ग्रामीणों ने उन्हें चुना है, लेकिन बिना युवा पीढ़ी की आत्मनिर्भरता के विकास अधूरा लगता है। इसी कारण सरकारी प्रयासों के साथ निजी स्तर पर भी कुछ करने का निर्णय किया। मुझे तो व्यापार करना ही था, इसमें गांव के युवाओं को ध्यान में रखकर काम किया तो एक पंथ दो काज हो गए।

अब गांव के तालाब से देंगे रोजगार

प्रधान मोहित बताते हैं कि गांव के तालाब के सुंदरीकरण के लिए कार्य आरंभ हो गया है। इसमें मछली पालन भी करेंगे जिससे आधा दर्जन से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अतिरिक्त तालाब के किनारे छायादार व फलदार पौधे भी रोपे जाएंगे। फलदार पौधों की निगरानी के लिए भी ग्रामीणों को रखा जाएगा।

विकास के ये कार्य हुए हैं गांव में

पेयजल की समस्या दूर करने के लिए पानी की टंकी स्वीकृत हो चुकी है। आवागमन सुगम करने के लिए 500 मीटर सीसी रोड बनी है। गांव में टाइल्स की दो सड़कें बनवाई गई हैं। मनरेगा से तालाब का सुंदरीकरण हुआ है। इसमें भी ग्रामीणों को काम मिला। अब आठ कमरों वाले पंचायत भवन का निर्माण कराना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। अभी पंचायत भवन से गांव वालों को कई सुविधाएं मिल रही हैं जिनमें सरकारी योजनाओं से लाभ लेने के लिए आवेदन में सहायता करना भी शामिल है। इनके अलावा गांव में अंबेडकर पार्क का निर्माण भी कराने की योजना है।

सेवानिवृत्त शिक्षक के बताए रास्ते पर चल रहे

भीकापुर मुंढा के प्रधान मोहित बताते हैं कि सेवानिवृत्त शिक्षक मुरारी लाल शर्मा ने उन्हें गांव में ही युवाओं को रोजगार की व्यवस्था करने की प्रेरणा दी थी। कोरोना काल के दौरान सेवानिवृत्त शिक्षक स्वर्गवासी हो गए। उनके बताए रास्ते व आदर्शों पर ही मोहित अमल कर रहे हैं।

डीपीआरओ के संदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रधान मोहित चौधरी के कार्य सराहनीय हैं। न सिर्फ वह गांव के युवाओं को रोजगार दे रहे हैं बल्कि विकास के लिए भी बराबर कार्य कर रहे हैं। उनकी ग्राम पंचायत का नाम मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना के लिए भी भेजा जाएगा।

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