मीना बाजार में एक युवक सिर पर परात रखकर जगह-जगह रुकते हुए छोले बेच रहा था। इसी बीच ठेकेदार का एक व्यक्ति आया और उसकी पर्ची काटने लगा। दुकानदार युवक का कहना था कि उसने पर्ची कटवा ली है। मगर ठेकेदार का व्यक्ति नहीं माना। नोकझोंक होने पर विवाद हो गया। काफी संख्या में आसपास के श्रद्धालुओं की भी भीड़ जुट गई।
जासं, तिगरीधाम : हर बार की तरह इस बार भी तिगरी मेले में नियम के विरुद्ध दुकानों की जमीन के नाम पर ज्यादा रुपयों की वसूली हो रही है। कहां पर, कितने फीट की दुकान का क्या सरकारी मूल्य निर्धारित है। इस बात से दुकानदार पूरी तरह से अनभिज्ञ हैं। क्योंकि ठेकेदार ने इसकी सूची की चस्पा नहीं की है।
सोमवार को मेला में सदर चौक के पास इसी बात को लेकर हंगामा हुआ।
मीना बाजार में एक युवक सिर पर परात रखकर जगह-जगह रुकते हुए छोले बेच रहा था। इसी बीच ठेकेदार का एक व्यक्ति आया और उसकी पर्ची काटने लगा। दुकानदार युवक का कहना था कि उसने पर्ची कटवा ली है। मगर, ठेकेदार का व्यक्ति नहीं माना। नोकझोंक होने पर विवाद हो गया। काफी संख्या में आसपास के श्रद्धालुओं की भी भीड़ जुट गई। इस तरह के मामले पहले भी हो चुके हैं।
खास बात यह है कि हर साल इन दुकानों के लिए जमीन आवंटन के लिए प्रशासन द्वारा जो, धनराशि सरकारी निर्धारित की जाती है। उससे अधिक पैसे वूसले जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। प्रशासन के लोगों में भी इस बात की चर्चा है मगर, कोई भी जांच करवाने की जहमत नहीं जुटा पा रहा है।
नियमानुसार दुकानों की धनराशि के लिए निर्धारित की गई सरकारी राशि का सूची चस्पा होनी चाहिए मगर, ऐसा नहीं हुआ है। मेला प्रभारी मायाशंकर यादव ने बताया कि शिकायत मिलने पर इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी।
ठेकेदार नया, गुर्गे और प्रथा पुरानी
इस बार दुकानों का ठेकेदार नया बताया गया है। मगर, वसूली करने के वाले गुर्गे पुराने ही है। यही वजह भी है कि पुरानी प्रथा के हिसाब से ही वसूली हो रही है। ये लोग दुकानदारों को भी कुछ बताने के लिए मना कर देते हैं।
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