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Viral Fever : बुखार में तप रहे गजरौला के गांव, अब तक आठ की मौत-100 से अधिक लोग बीमार

Viral Fever in UP चिकित्सा अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह ने बताया कि शाहपुर में मौत होने की घटनाएं संज्ञान में आई हैं। लेकिन वह मौत बुखार से नहीं हुई है। खान मोहम्मद के लीवर में परेशानी थी और बच्ची को दौरे पड़ने की शिकायत थी। फिर भी गांव में टीम भेजकर चेकअप कराते हुए दवा का वितरण कराया जाएगा।

By Saurav KumarEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Mon, 18 Sep 2023 06:31 PM (IST)
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Viral Fever : बुखार में तप रहे गजरौला के गांव, अब तक आठ की मृत्यु

गांव के गांव बुखार की तपन में झुलसे हुए हैं। प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के बीमारियों से लड़ने के दावे धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं। गजरौला सीएचसी के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में आठ से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है। पूरे क्षेत्र में हजारों की तादात में लोग बुखार से जूझ रहे हैं। खास बात है कि इन मौतों को स्वास्थ्य विभाग बुखार से मौत मानने के लिए तैयार नहीं है। किसी की मौत हार्टअटैक तो किसी के लीवर आदि में परेशानी बताई जाती है। गांवों तक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच रही है। इसका फायदा झोलाछाप उठा रहे हैं। वह घरों में बोतल लगा रहे हैं। औने-पौने दामों में दवाई दे रहे हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग व्यापक स्तर पर काम नहीं कर रहा है।

संस, गजरौला : क्षेत्र के गांव शाहपुर उर्फ साहबपुर में बुखार का प्रकोप तेजी के साथ फैल रहा है। स्थिति यह है कि एक सप्ताह में यहां पर दो लोगों की मौत हो चुकी हैं और 100 से अधिक गांव के लोग बुखार से तप रहे हैं। गांव की ही झोलाछाप मरीजों को घरों में बोतल लग रहे हैं। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग की कवायद सिर्फ शून्य है।

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सोमवार को गांव में पहुंचकर पड़ताल की तो कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। मुहल्ला गढ़ी में 45 वर्षीय खान मोहम्मद की 16 सितंबर व 13 सितंबर को बालिका अल्फिजा की मृत्यु हुई है। स्वजन दोनों को बुखार आने की बात कह रहे हैं। इन दोनों के अलावा 10 से अधिक लोग खुद भी सामने आए और बुखार के प्रकोप की जानकारी साझा की। गांव में हाशियारी देवी कई दिन से पीड़ित हैं। उनको घर में ही बोतल चढ़ रही है। उनकी पुत्रवधू पूजा को भी बुखार है। दीन मोहम्मद का पुत्र साद भी कई दिनों से बुखार की चपेट में है।

निजी अस्पतालों से ही दवा ली जा रही है। गांव के रिहासत अली भी बीमार हैं। जानकारी करने पर उन्होंने बताया कि उनके पिता अली जान, मां सलीमा व भाई साजिद को भी बुखार आ रहा है। गांव के लोगों ने बताया कि प्रकोप बहुत है। इसके बाद भी न तो गांव फागिंग हो रही और न ही एंटी लार्वा का छिड़काव।

सरकारी सेवाओं के सवाल पर बोले, न तो अभी तक कोई शिविर लगा है और न ही किसी टीम ने सर्वे किया है। गांव की आशाओं का भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि इस गांव में तीन आशाएं हैं। चिकित्सा अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह ने बताया कि शाहपुर में मौत होने की घटनाएं संज्ञान में आई हैं। लेकिन, वह मौत बुखार से नहीं हुई है। खान मोहम्मद के लीवर में परेशानी थी और बच्ची को दौरे पड़ने की शिकायत थी। फिर भी गांव में टीम भेजकर चेकअप कराते हुए दवा का वितरण कराया जाएगा।

बुखार की बेचैनी ने छीना शरीर का सुख चैन

इस बार फैल रहा बुखार न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंतन का विषय बना हुआ बल्कि आमजन के शरीर का भी सुख-चैन छिन लिया है। बुखार सिर्फ दो या तीन दिन में उतर जा रहा है लेकिन, उसके बाद शरीर पूरी तरह से टूट रहा है। स्थिति यह है कि कई-कई दिन तक शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पटरी पर नहीं पहुंच रही है।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक भले ही बुखार फैल रहा है लेकिन, डेंगू, मलेरिया की पुष्टि बहुत कम लोगों में हो रही है। टाइफाइड की पुष्टि हो रही है। अधिकांश मरीजों में जो, लक्षण देखने को मिल रहे हैं वो, अलग हैं। चिकित्सकों की मानें तो इस बार बुखार के बाद पूरे शरीर में कई-कई दिन तक बेचैनी की समस्या बन रही है। जिसकी वजह से शरीर का सुकून पूरी तरह से गायब हो रहा है। इसके अलावा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो रही है।

बुखार के बाद उत्पन्न होने वाली परेशानी

कई दिन तक पूरे शरीर में दर्द रहना

कमजोरी आना, चक्कर आना और आंखों के सामने अंधेरी छा जाना।

भूख न लगना, शरीर गिरा-गिरा सा महसूस होना।

इस बार कुछ अलग से लक्षण देखने को मिल रहे हैं। डेंगू के केस अधिक नहीं हैं। मलेरिया भी कम है। इसके बाद भी बुखार फैलने की बात माथा ठनक रहा है। हालांकि लेप्पोस्पिरोसिस व स्क्रब टिप्सस नामक वायरस की जांच कराने के लिए भी किट मंगवाई है। क्योंकि इस वायरस के लक्षण भी ऐसे ही हैं।

डा. योगेंद्र सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी गजरौला।

इस बार बुखार के बाद शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अचानक से गिर रही है। बुखार दो से तीन दिन तक रह रहा है मगर, कमजोरी कई दिन तक तोड़ रही है। पहले बुखार के लक्षण से इस बार के अलग हैं। रिकवरी होने में भी समय लग रहा है।

डा. धीरेंद्र सिंह, गजरौला।