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लीड:: आंदोलन ने ही तोड़ दी किसानों की कमर, गिरे सब्जियों के रेट

किसान आंदोलन में पिस रहे स्थानीय सब्जी उत्पादक बाहर नहीं जा रही पा सब्जी। जागरण संवाददाता

By JagranEdited By: Updated: Thu, 24 Dec 2020 12:34 AM (IST)
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लीड:: आंदोलन ने ही तोड़ दी किसानों की कमर, गिरे सब्जियों के रेट

किसान आंदोलन में पिस रहे स्थानीय सब्जी उत्पादक, बाहर नहीं जा रही पा सब्जी जागरण संवाददाता, गजरौला : किसान आंदोलन के चलते स्थानीय मंडी में सब्जी खूब आ रही है। अच्छी आवक को देखते हुए दाम भी तेजी से नीचे आ रहे हैं। सबसे ज्यादा दाम आलू के ही लुढ़के हैं, जो आलू पिछले दिनों 50 रुपये में मिल रहा था, वही आलू 15 रुपये किलो में बिक रहा है। कमोवेश यही हाल अन्य सब्जियों का भी है। किसान आंदोलन की वजह से सब्जियां जिले से बाहर नहीं जा पा रही है, जिसका खामियाजा सब्जी उत्पादकों को भुगतान पड़ रहा है। तीन कृषि बिलों के विरोध में किसान आंदोलन पर है। दिल्ली व दिल्ली होकर बाहर जाने वाले अधिकांश रास्ते किसानों ने घेर रखे हैं। इसकी वजह से दिल्ली व उसके आसपास की मंडियों में सामान्य तौर पर लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं। सब्जी पहुंचने में भी बाधा आ रही है। इसी कारण किसान सब्जी बाहर की मंडियों में पहुंचाने के बजाए स्थानीय मंडी में लेकर पहुंच रहे हैं। मंडी में सब्जी की अधिक आवक से दामों पर असर पड़ रहा है। पिछले एक पखवाड़े में सबसे अधिक रेट आलू के ही गिरे हैं। इसका भाव 50 रुपये से घटकर 15 रुपये रह गया है। चौपला पर सब्जी बेचने वाले दुकानदार सोनू ने बताया कि आलू ही नहीं गोभी, बंद गोभी, लोकी, गाजर, शलजम, प्याज, बेगन, टमाटर सभी का यही हाल है।

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सब्जी - वर्तमान भाव- 15 दिन पूर्व का भाव

आलू - 15 रुपये प्रति किलो- 50 रुपये प्रति किलो

गोभी- 10 रुपये प्रति किलो 15 रुपये प्रति किलो

बंद गोभी-रुपये प्रति किलो - 20 रुपये प्रति किलो

गाजर - 15 रुपये प्रति किलो - 20 रुपये प्रति किलो

शलजम- 20 रुपये प्रति किलो - 25 रुपये प्रति किलो

प्याज- 30 रुपये प्रति किलो - 35 रुपये प्रति किलो

टमाटर- 25 रुपये प्रति किलो- 35 रुपये प्रति किलो

--------------------------------------------------------- बाहर मंडियों तक नहीं पहुंच रही सब्जी, स्थानीय मंडी में भरमार आंदोलन से मुनाफा तो दूर फसल की लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान फोटो जेपीएन-25,27,28, 29 जागरण संवाददाता, हसनपुर : तीन कृषि कानून को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन का असर सब्जी के दामों पर भी पड़ रहा है। सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों का कहना है कि दिल्ली समेत बाहर मंडियों तक सब्जी नहीं पहुंचने से स्थानीय मंडी में सब्जी के रेट कम मिल रहे हैं। किसान आंदोलन की वजह से रेट सही नहीं मिलने की वजह से सब्जी की खेती से आमदनी तो दूर लागत भी लौट कर किसानों के हाथ नहीं आ रही है। हसनपुर मंडी में बुधवार को सब्जी लेकर आए किसानों ने स्वीकार किया कि किसानों के आंदोलन के चलते सब्जी के दाम प्रभावित हो रहे हैं। बुधवार को हसनपुर मंडी में फूलगोभी तीन रुपये किलो, आलू का 50 किलो का कट्टा 450 रुपये यानी नौ रुपये किलो, गाजर 10 रुपये किलो टमाटर 11 रुपये किलो, मूली दो रुपये किलो,प्याज 22 रुपये किलो, शकरकंदी 16 रुपये किलो तक बिकी। जबकि, किसान आंदोलन से पहले प्याज 50 रुपये किलो तक बिक रही थी। ग्राम ब्रह्माबाद निवासी किसान ध्यानचंद, असलम तथा हेतराम एवं हरियाना निवासी नन्हे सिंह ने बताया कि सब्जी के दाम धड़ाम होने से बहुत नुकसान हो रहा है। जिस समय उन्होंने सब्जी बोई थी। उस समय रेट बहुत अच्छे थे। इसलिए, जल्दी से बुवाई करने के बाद रात दिन मेहनत करके खूब लागत लगाकर फसल तैयार की है। लेकिन, रेट नहीं मिलने से भारी नुकसान हो रहा है।

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