Auraiya Bus Fire: अचानक हुआ तेज धमाका... पहले बैग में और फिर बस की सीट में लगी आग; दो झुलसे
किशनी रोड पर एक निजी बस में तेज धमाके के बाद एक युवक के बैग में आग लग गई। इससे एक बुजुर्ग महिला समेत दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए। दोनों को सीएचसी लाया गया और फिर सैफई रेफर कर दिया गया। विस्फोटक सामग्री ले जाने वाला युवक गुरुग्राम में नौकरी करता है और बिधूना जा रहा था ।
संवाद सहयोगी, बिधूना। निजी बस में किशनी रोड पर अचानक तेज धमाके के बाद युवक के बैग सहित सीट में आग लग गई। इससे एक बुजुर्ग महिला समेत दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए। दोनों को सीएचसी लाया गया। वहां से दोनों को सैफई रेफर कर दिया गया।
गांव रुरुगंज निवासी 32 वर्षीय विवेक कुमार पुत्र नंदकिशोर गुरुग्राम में रहकर नौकरी करता है। बुधवार देर रात वाहन न मिलने की वजह से वह पिकअप से कन्नौज के सौरिख पहुंचा। उसके पास बैग था, जिसमें कपड़ों के अलावा पटाखे व कुछ विस्फोटक सामग्री थी।
दो गंभीर रूप से झुलसे
गुरुवार को तड़के सौरिख में प्राइवेट बस से विस्फोटक सामग्री लेकर बिधूना जा रहा था। कस्बा के किशनी रोड बस पहुंची। तभी बस में तेज धमाके के साथ विस्फोटक सामग्री जल गई। इससे बस की सीट भी जलने लगी। आग की चपेट में आने से बस में बैठी बुजुर्ग महिला गांव खरियाई निवासी मुन्नी देवी पत्नी जगदीश व सामग्री लाने वाला विवेक गंभीर रूप से झुलस गए।लोगों ने आग पर डाला पानी
धमाके बाद आसपास के लोग मौके पर इकठ्ठा हो गए। बुजुर्ग महिला गांव चपोरा निवासी अपनी बहन के घर जा रही थी। लोगों ने पानी डालकर आग पर काबू पा लिया। जानकारी पर पहुंची पुलिस ने दोनों घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया। सूचना पर फोरेंसिक टीम के कर्मी मौके पर पहुंचे और बस से विस्फोटक की जानकारी के लिए साक्ष्य संकलित किए।
इधर, दोनों को सीएचसी से डाक्टर ने सैफई स्थित आयुर्विज्ञान विश्व विद्यालय के लिए रेफर कर दिया गया। कोतवाल महेंद्र सिंह ने बताया कि पटाखे व कपड़ों से भरा बैग पैर के पास रखा था। आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। मामले की जांच की जा रही है। दोनों को सैफई रेफर कर दिया गया है।
चित्रकूट मेला में जाने वाले यात्रियों की रही मारामारी
फतेहपुर : दीपावली के दिन चित्रकूट मेला में जिले से बहुत से श्रद्धालु बाबा कामतानाथ के दर्शनों को जाते हैं। श्रद्धालुओं को लाने जाने के लिए रोडवेज प्रशासन ने 40 बसों का इंतजाम किया था। बीते दिन यात्रियों की संख्या बहुत कम होने से महज सात बसों का ही संचालन हो पाया था।
बसों के कम संचालन में रोडवेज विभाग के अधिकारी निराश हो गए थे। लेकिन गुरुवार को भरी संख्या में श्रद्धालु के घरों से निकलने से जिम्मेदार चिंता मुक्त हो गए। रोडवेज की 40 बसों का संचालन निर्धारित रूटों में किया गया। दिनभर अधिकारी बसों के संचालन और ड्राइवर तथा कंडक्टर के ड्यूटी पर आने की टोह लेते रहे।वहीं निर्धारित रूट से बसों के संचालन पर जोर दिया जाता रहा है। चित्रकूट में दीपदान और कामदगिरी की परिक्रमा का पुण्य कमाने के लिए जिले से श्रद्धालुओं का जत्था जाता है। सुबह पहर से रोडवेज बस स्टाफ में भारी भीड़ दिखाई दी। एक के बाद एक बस भरकर रवाना हुईं।
बसों में जगह पाने के लिए यात्री धक्का मुक्की करते हुए दिखे। बस भर जाने पर दूसरी बस की ओर चल पड़े। ड्राइवर और कंडक्टर से कौन सी बस जाएगी की जानकारी लेते हुए बसों में स्थान पाया। हालात यह रहे कि दस मिनट में यात्रियों से बस भर जा रही थी।मौजूद अधिकारी तुरंत दूसरी बस वर्कशाप से बुलाते थे। जिससे बची यात्री दूसरी बस में बैठ जाते थे। यह क्रम पूरा दिन चलता रहा। एआरएम सत्यप्रकाश सिंह ने कहाकि स्टैंड में बस पहुंचते ही दस मिनट में यात्रियों की रवानगी की व्यवस्था दी गई।
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