Govardhan Puja Muhurat 2024: कब है गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त? इसकी विधि अच्छी तरह समझना भी बहुत जरूरी
गोवर्धन पूजा दीपावली के दूसरे दिन मनाई जाती है। इस दिन घरों में गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन की स्थापना की जाती है। पूजा सुबह सूर्योदय के बाद पूरे दिन होगी। आयुष्मान योग में पूजा करना विशेष फलदायी माना गया है। पूजा के लिए गाय के गोबर से चौक और पर्वत बनाना होगा फिर सुंदर फूलों से सजाना होगा।
गोवर्धन पूजा करने के लिए विधि
महिलाएं गोबर से गोवर्धन बना लगाएंगी पकवानों का भोग
दीपावली के दूसरे दिन घर-घर गोबर से गोवर्धन महाराज को स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाएगी। जिसमें महिलाओं के द्वारा गोवर्धन महाराज की आरती वंदना कर जयकारे लगाएं जाएंगे। पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व के चलते शुक्रवार को घरों के आंगन में गोबर से गिरिराज महाराज की आकृति बनाकर गोवर्धन की पूजा होगी।
इसमें घरों में ही परिक्रमा लेकर महिलाएं गिरिराज महाराज के जयकारे लगाती है। गोवर्धन पूजा में गोबर से बनी आकृति, आटा, चावल तथा सींक से सजावट कर गिरि गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना होगी। सुबह से महिलाएं इसकी परिक्रमा कर ब्रज के देवता के जयकारे लगाकर पूजा करेगी।गोवर्धन पूजा में तेरे माथे मुकुट विराज रहयो, श्री गोवर्धन महाराज अनोखी त्यागी झांकी समेत अनेकों भजन व जयकारे दिनभर गूंजेंगे। इस अवसर पर अन्नकूट का भोग भी लगाया जाता है। घर-घर गोबर से गिरिराज महाराज के प्रतीकात्मक स्वरूप बना कर महिला और पुरुष कढ़ी, चावल और बाजरा की खिचड़ी से बने अन्नकूट से भोग लगा कर गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना कर परिक्रमा लगाएंगी।
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