पत्नी के अंतिम संस्कार की चल रही थी तैयारी, पति बोला- यह काम करने से पहले नहीं दूंगा चिता को आग...लोग रह गए हैरान
रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार के बाद वोट डालने के लिए कहा। पर बुजुर्ग नहीं माना और वोट डालने चले गए। उन्होंने कस्बा के प्राथमिक विद्यालय स्थित मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके बाद 11 बजे कस्बा के नहर पटरी स्थित मुक्तिधाम में पहुंचकर पत्नी के शव का अंतिम संस्कार किया। रामलखन ने बताया कि वह पत्नी और बेटी विनीता के साथ रहते हैं।
जागरण संवाददाता, ओरैया : दिबियापुर कस्बा के एक बुजुर्ग ने कुछ ऐसा कर दिया, जिससे कस्बा सहित क्षेत्र में उनकी चर्चा हो रही है। पत्नी की मौत के बाद उन्होंने अंतिम संस्कार बाद में किया। पहले उन्होंने पोलिंग बूथ पर जाकर मतदान किया। अंतिम संस्कार के बाद बेटी को भी मतदान के लिए भेजा। अब उनकी कस्बा में चर्चा हो रही है।
कस्बा के मुहल्ला संजय नगर निवासी रामलखन की 78 वर्षीय पत्नी सरोज कुमारी का रविवार की शाम निधन हो गया था। परिवार के सभी लोगों के न आने पर अंतिम संस्कार नहीं हो सका। सोमवार सुबह अंतिम संस्कार किए जाने की तैयारी चल रही थी। तभी रामलखन ने रिश्तेदारों को बताया कि वह पहले वोट डालने जाएंगे।
रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार के बाद वोट डालने के लिए कहा। पर बुजुर्ग नहीं माना और वोट डालने चले गए। उन्होंने कस्बा के प्राथमिक विद्यालय स्थित मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके बाद 11 बजे कस्बा के नहर पटरी स्थित मुक्तिधाम में पहुंचकर पत्नी के शव का अंतिम संस्कार किया।
रामलखन ने बताया कि वह पत्नी और बेटी विनीता के साथ रहते हैं। उन्होंने लोकतंत्र को जिंदा रखने के पहले मतदान किया। इसके बाद पत्नी का अंतिम संस्कार किया। अंतिम संस्कार के बाद बेटी विनीता को भी वोट डालने के लिए भेजा। जानकारी के बाद हर तरफ बुजुर्ग मतदाता की चर्चा हो रही है। कस्बा के लोग उनकी सराहना भी कर रहे हैं।