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PM Awas Yojana में धांधली- ब्लाक प्रमुख की पत्नी को मिला लाभ, दो किस्तें भी निकाली… पोल खुलते ही मचा हंगामा

अजीतमल कस्बे के विद्या नगर निवासी भाजपा नेता एवं ब्लाक प्रमुख अवनीश पांडेय की पत्नी संध्या गांव सेऊपुर से क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। वर्ष 2019 में उन्होंने नगर पंचायत बाबरपुर-अजीतमल में प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था। ब्लाक प्रमुख की पत्नी संध्या का आवास योजना का लाभ लेने के लिए तहसील स्तर से पात्र होने का आय प्रमाण पत्र कैसे बन गया? यह एक गंभीर विषय...

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 25 Jun 2024 08:53 PM (IST)
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अपात्र को भी मिल रहा पीएम आवास योजना का लाभ (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, औरैया। PM Awas Yojana: जरूरतमंदों के लिए संचालित प्रधानमंत्री आवास का लाभ अपात्र भी उठा रहे हैं, यह एक बार फिर सामने आ गया। इस बार मामला अजीतमल ब्लाक प्रमुख की पत्नी से जुड़ा है, जिनका न केवल आवेदन स्वीकार किया गया बल्कि दो किस्तें भी उनके खाते में भेज दी गईं।

मंगलवार को प्रकरण इंटरनेट मीडिया में सुर्खियां बना तो ब्लाक प्रमुख धनराशि वापस करने की बात कहने लगे। अधिकारी मामले की जांच की बात कह रहे हैं। हालांकि, वर्ष 2019 में जब आवेदन किया था, तब वह ब्लाक प्रमुख नहीं थे।

अजीतमल कस्बे के विद्या नगर निवासी भाजपा नेता एवं ब्लाक प्रमुख अवनीश पांडेय की पत्नी संध्या गांव सेऊपुर से क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। वर्ष 2019 में उन्होंने नगर पंचायत बाबरपुर-अजीतमल में प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था। उनके बैंक खाते में विभाग की तरफ से दो किस्तें (50 हजार व डेढ़ लाख रुपये) भी पहुंच गईं। उन्होंने खाते से रुपये निकाले भी, लेकिन आवास नहीं बनवाया। साथ ही अलग-अलग जगहों पर चल रहे निर्माण कार्य की फोटो कर्मचारी से पोर्टल पर अपलोड करा दी।

खाते में आए रुपये विभाग को किए जाएंगे वापस

वर्ष 2019 में भाजपा समर्थित रानी पोरवाल नगर पंचायत चेयरमैन थीं। गंभीर सवाल यह है कि ब्लाक प्रमुख की पत्नी संध्या का आवास योजना का लाभ लेने के लिए तहसील स्तर से पात्र होने का आय प्रमाण पत्र कैसे बन गया? समिति ने जांच रिपोर्ट में उनको पात्र कैसे घोषित कर दिया? ब्लाक प्रमुख का कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं थी। खाते में आए रुपये विभाग को वापस किए जाएंगी।

इस संबंध में वर्तमान नगर पंचायत चेयरमैन आशा चक से बात करने का प्रयास किया तो उनके पति अखिलेश चक ने बात की। उन्होंने बताया कि वह बीमार हैं। मामला उनके कार्यकाल का नहीं है। एसडीएम रामाऔतार से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने काल रिसीव नहीं की।

डीपीआर की मंजूरी के बाद दी गई किस्ते

परियोजना अधिकारी डूडा राम आसरे कमल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, जांच कराई जा रही है। मूल पत्रावली को देखा गया है। आवेदन की जांच एसडीएम और तहसीलदार स्तर पर होकर आई है, जिसमें पात्र बताया गया है। पात्र होने की जांच के बाद डीपीआर बनाकर शासन को भेजी जाती है। डीपीआर की मंजूरी के बाद दो किस्तें दी गई हैं। अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं आई है।

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