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    Uttar Pradesh Flood Alert: औरैया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना, 20 से अधिक गांव चपेट में, संपर्क मार्ग कटा

    Uttar Pradesh Flood Alert औरैया में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार को यमुना का जल स्तर 117.40 मीटर पर स्थिर हुआ। यमुना नदी खतरे के ऊपर बहने की वजह से 20 से अधिक गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं और संपर्क मार्ग कटा है। वर्षा के चलते राहत शिविर का टेंट गिर गया जिससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है।

    By Shashank Singh Edited By: Anurag Shukla1Updated: Fri, 01 Aug 2025 09:42 PM (IST)
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    गांव क्योटरा में भरा बाढ़ का पानी। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, अजीतमल(औरैया)। Uttar Pradesh Flood Alert: राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल में छोड़े गए पानी पिछले तीन दिनों से यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार शाम चार बजे 117.40 मीटर पर पानी रहा। जो खतरे के निशान 113 मीटर से 4.40 मीटर ज्यादा है। 20 से अधिक गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। नावों से लोग आवागमन कर रहे। प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी नाव से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और गांवों का मुआयना कर रहे।

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    बाढ़ की वजह से सिकरोड़ी, गोहानी कलां, अस्ता, क्योटरा, फरिहा, बढ़ी गूंज, बीझलपुर, अस्ता, मई नौली, क्योटरा गांव ज्यादा प्रभावित है। बरबटपुर, कैथाली, असेवा, बरदौली, बीझलपुर, असेवटा, बबाइन, नगला बनारस, फरिहा, बढ़ी गूज, अनिरुद्ध नगर, ततारपुर कलां और बड़ैरा में भी ग्रामीणों की परेशानी बढ़ी हुई है। गांवों के संपर्क मार्ग डूब चुके हैं। गुरुवार रात वर्षा के चलते सिकरोड़ी में बने राहत शिविर में पानी भर गया। टेंट गिर गया। साथ ही जो लोग प्लास्टिक की पालीथिन डालकर रह रहे थे, वहां भी पानी भर गया।

    विधायक गुड़िया कठेरिया, डीएम डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी और एसपी अभिजीत आर शंकर समेत सभी जनप्रतिनिधियों ने राहत सामग्री लोगों को वितरित की। 5150 लंच पैकेट दिए गए। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सिकरोड़ी गांव की हालत सबसे ज्यादा खराब है। 56 परिवारों के 200 लोगों को सुरक्षित किया गया है। पीएसी की एक बटालियन तैनात की गई। दूसरी ओर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लकर बिजली विभाग ज्यादा सक्रिय नहीं दिखा।

    Auraiya Flood

    गांव सिकरोड़ी में नाव से सामान लाते ग्रामीण। जागरण

    विभागीय अधिकारियों को नहीं पता कि कितने गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। कितने गांवों की बिजली काटी गई है। जानकारी करने पर उपखंड अधिकारी केएम यादव से बात की तो उन्होंने कुल तीन गांवों की बिजली काटे जाने की बात कहकर उपजिलाधिकारी से जानकारी करने की सलाह दे डाली। उपजिलाधिकारी निखिल राजपूत ने बताया कि एसडीओ विद्युत को बताना चाहिए था कि बाढ़ प्रभावित कितने गाँव की बिजली काटनी पडी है। मामले का संज्ञान लेंगे। करीब एक दर्जन से अधिक गांवों की आपूर्ति बाधित हुई है। बाढ़ में स्वयंसेवी संस्थाएं व समाजसेवी भी मदद के लिए आगे आ रहे हैं।

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    पांच विद्यालयों में भरा पानी

    बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुल 13 परिषदीय विद्यालय है। जिसमें मौजूदा समय में पांच विद्यालयों में पानी भरा हुआ है। जिसमें अस्ता, सिकरोड़ी, महमानपुर, बीझलपुर, जुहीका में पानी भरा है। जहां पर बच्चे नहीं पढ़ रहे है। सभी को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि जिन विद्यालयों में पानी भरा है। वहां के विद्यार्थियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। स्थिति लगातार यहीं रही तो जल्द ही राहत शिविरों में विद्यार्थियों की कक्षाएं लगेंगी। दूसरी ओर यमुना के किनारे बड़ी मात्रा में सब्जियां होती है। जो बढ़ के चलते नष्ट हो गई है। बदले हालात में 20 रुपये प्रति किलोग्राम किलो बिकने वाले कुंदरू का दाम 70 रुपये किलो हो गया है। 70 रुपये किलो बिकने वाले ककोरा का दाम इन दिनों 100 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है।

    पुलिस रही मूक दर्शक

    एक ओर जहां तहसील और जिले के आला अधिकारी रात दिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डेरा डाले हुए हैं। लोगों को सहूलियत देने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। पुलिस सक्रिय नजर नहीं आई। तहसील, राजस्व, ब्लाक कर्मचारियों के साथ खुद तहसीलदार अविनाश कुमार, नायब तहसीलदार प्रतिभा लोगों को बाढ़ के पानी से दूर करते रहे। किसी को बाढ़ के पानी के नजदीक नहीं जाने दे रहे थे। पुलिस मूकदर्शक बनी एक तरफ खडी दिखी। बता दें दो वर्ष पहले आई बाढ़ में बडेरा गांव निवासी एक किशोर की डूबकर मौत हो गई थी।

    लगभग हर साल बाढ़ की मुसीबत आती है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को ऊंचे स्थानों पर पट्टा दिलाए जाने के लिए वन विभाग से मिलकर जगह निर्धारित की जाएगी। कुछ तकनीकि समस्या आ रही है। वह शीघ्र निस्तारित कर लोगों को ऊंचे स्थान पर आवासीय पट्टा दिलाया जाएगा।

    डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी, डीएम

    विस्थापित परिवारों के लिए गृहस्थी की सामग्री किट दी जा रही है। ठहरने से लेकर मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए शासन व प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है। बार बार जिन लोगो के घर बाढ़ में डूब जाते हैं। बाढ़ प्रभावित ऐसे परिवारों के लिए ऊंचे स्थानों पर आवास के लिए पट्टा दिलाए जाने के लिए जिलाधिकारी से बात की है।

    गुड़िया कठेरिया, सदर विधायक

    बीहड़ का जालौन से संपर्क कटा

    बीहड़ पट्टी के बड़ी गूंज में भी ग्रामीणों के घर तक पहुंच गया। घरों में पानी भरने पर प्रशासन की ओर से लोगों को गांव के बाहर ऊंचे स्थान की ओर पलायन कर गए। प्रशासन की ओर से बनाए गए राहत शिविर में महज पोल लगे होने की वजह से ग्रामीण तिरपाल की झोपड़ी बनाकर ठहरे हैं। भीखेपुर- जुहीखा मार्ग पर पानी भर जाने से बीहड़ पट्टी के गांवों का जिला जालौन से संपर्क कट गया है। नायब तहसीलदार प्रतिभा पाल ने बताया कि बड़ी गूंज के 22 व जुहीखा के 45 घर बाढ़ में प्रभावित हैं।

    यमुना नदी में आई बाढ़ ने किनारे बसे जुहीखा, बड़ी गूंज, फरिहा, बीझलपुर, मई, नौरी सहित बीहड़ पट्टी के 12 गांवों के लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। भीखेपुर-जुहीखा मार्ग पर पानी भर जाने से जालौन से संपर्क कट गया है। सड़क पर पानी आने के बाद भी लोगों के जान जोखिम में डालकर आवागमन करने पर गुरुवार रात को पुलिस ने अस्थायी बैरिकेड्स लगाकर आवागमन बंद कर दिया। अयाना थानाध्यक्ष अजय कुमार टीम के साथ बाढ़ प्रभावित गांवों का लगातार दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। सीएचसी अधीक्षक डा. सुनील शर्मा व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बड़ी गूंज व जुहीखा में स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों को दवाइयां वितरित कीं। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। सभी को राहत सामग्री वितरित की गई है। प्रशासन यमुना के जलस्तर की लगातार निगरानी कर रहा है।