सरकारी रिकॉर्ड में 2600… एफआईआर में 3800 हो गई, अयोध्या में लाइट चोरी मामले का रहस्यमयी खुलासा
अयोध्या में रामपथ एवं हनुमानगढ़ी जाने वाले भक्तिपथ पर लगी लाइटों के चोरी होने के मामले में रहस्यमयी खुलासा हुआ है। जांच में पता चला कि चोरी का मुकदमा कराने वाली संस्था ने ज्यादा भुगतान लेने के लिए एफआईआर दर्ज करवाई है। प्रशासन के अनुसार 2600 लाइटें ही लगवाई गई थीं लेकिन एफआईआर में इसकी संख्या 3800 लिखाई गई। प्रशासन अब संस्था पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि जाने वाले रामपथ एवं हनुमानगढ़ी जाने वाले भक्तिपथ पर लगवाई गई फैंसी लाइटों के चोरी होने के प्रकरण में नया मोड़ आ गया है।
जांच में पता चला है कि कार्यदायी संस्था ने ज्यादा भुगतान लेने के लिए एफआईआर में लाइटों की संख्या 3800 लिखाई, जबकि सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, 2600 लाइटें ही लगवाई गई थीं, जिसका भुगतान कंपनी को किया जा चुका है। इस रहस्योद्घाटन के बाद प्रशासन कार्यदायी संस्था मेसर्स यश इंटरप्राइजेज के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाएगा।
लगाई ही नहीं गई लाइटें
अयोध्या के मंडलायुक्त और विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष गौरव दयाल ने बताया कि लाइट लगाने वाली संस्था ने फर्जी भुगतान प्राप्त करने के लिए गलत एफआईआर कराई है।
विकास प्राधिकरण की ओर से संबंधित संस्था के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। अयोध्या में पेड़ों पर केवल 2600 बैंबू लाइट ही लगाई गई हैं। जिन 3800 लाइट चोरी होना बताया जा रहा है, वो लगाई ही नहीं गई।
अयोध्या विकास प्राधिकरण के कराए गए सत्यापन में यह बात सामने आई है कि संस्था ने अतिरिक्त भुगतान प्राप्त करने के लिए अपने बचाव व पेशबंदी में झूठी रिपोर्ट लिखाई है।
एफआईआर में क्या लिखाया?
कार्यदायी संस्था मेसर्स यश इंटरप्राइजेज और कृष्णा आटो मोबाइल के प्रतिनिधि शेखर शर्मा ने नौ अगस्त को प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि फर्म ने रामपथ पर 6400 बैंबू लाइट (पेड़ों पर लटकाने वाली) और भक्तिपथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइटें (खंभों पर लगने वाली) लगाई गई हैं। इनमें से 3800 बैंबू लाइट और 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइट चोरी होने का उल्लेख है।
लोहे के एंगल में फिक्स हैं लाइटें
मंडलायुक्त गौरव दयाल ने कहा कि प्रकरण में प्रारंभ से ही कार्यदायी संस्था की गतिविधियां संदेह में रही हैं। दो माह पहले कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि ने चोरी की शिकायत की थी। पुलिस ने कार्य से संबंधित विवरण मांगा, लेकिन उपलब्ध नहीं कराया गया।
इसके बाद संस्था ने यूपी कॉप पोर्टल के माध्यम से ई-प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस की प्रारंभिक जांच में मिला कि भक्तपथ पर लगाई गईं गोबो प्रोजेक्टर लाइटें काफी ऊंचाई पर और लोहे के एंगल में फिक्स हैं।
23 लाख रुपये हुआ भुगतान
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विनी पांडेय ने कहा कि संबंधित फर्म के माध्यम से कुल 2600 बैंबू लाइटें लगवाई गई हैं, जिसका 23 लाख, 35 हजार रुपये भुगतान किया जा चुका है। इसी क्रम में स्थापित की जा चुकी कुल 96 गोबो प्रोजेक्ट लाइटों का 38 लाख, 74 हजार रुपये भुगतान हुआ है। संस्था ने झूठी एफआईआर करवाई है।
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