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अयोध्या में रामलला की परिक्रमा के लिए बनेगा 790 मीटर लंबा कॉरिडोर, 14 फीट तक होगी चौड़ाई

Ram Mandir Ayodhya अयोध्या में रामलला के भव्य दर्शन के साथ-साथ अब भक्त भगवान की परिक्रमा भी कर सकेंगे। इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर के चारों ओर कॉरिडोर बनावाने का निर्णय लिया है। इस कॉरिडोर की लंबाई 70 मीटर जबकि इसकी चौड़ाई 14 फीट तक होग। इसके निर्माण के लिए एलएंडटी संस्था को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 04 Aug 2024 09:44 AM (IST)
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अयोध्या में रामलला की परिक्रमा के लिए बनेगा 790 मीटर लंबा कॉरिडोर
लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। भव्य मंदिर में विराजमान रामलला का दर्शन करने के बाद भक्त भगवान की परिक्रमा भी कर सकेंगे। इसके लिए राम मंदिर के चारों ओर कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसी कॉरिडोर के अंतर्गत मंदिर परकोटे में निर्माणाधीन सभी मंदिर समाहित होंगे। 14 फीट लंबे कॉरिडोर की लंबाई 790 रनिंग मीटर यानी लगभग 2591 फीट होगी।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इसके निर्माण कार्य का दायित्व मंदिर बनवा रही कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो को सौंपा गया है। जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के आकार ले लेने और इसमें प्रभु श्रीराम के प्रतिष्ठित हो जाने के बाद से ही निरंतर उनके भक्त दर्शन के निमित्त सुदूर क्षेत्रों से पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन लगभग एक लाख के आसपास श्रद्धालु दर्शन तो कर रहे हैं, पर उनकी परिक्रमा की अभिलाषा अभी नहीं पूरी हो पा रही है।

790 मीटर लंबा होगा कॉरिडोर

वजह यह कि राम मंदिर के चारों ओर अभी परिक्रमा के लिए स्थान उपलब्ध नहीं है, जहां श्रद्धालु अपने आराध्य की परिक्रमा कर सकें। ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत मंदिर के चारों ओर कॉरिडोर बनवाने का निर्णय लिया है। कुल 790 मीटर लंबे इसी कॉरिडोर के अंतर्गत परकोटे में बन रहे सभी मंदिर समाहित होंगे।

राम मंदिर परिसर में अभी विभिन्न देवी-देवताओं व सप्तर्षियों के मंदिर निर्माणाधीन हैं। इनमें से कुछ इसी वर्ष दिसंबर तक तथा कुछ अगले वर्ष मार्च में बनकर तैयार हो जाएंगे। इन मंदिरों के साथ ही कॉरिडोर का निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया गया है।

14 फीट होगी कॉरिडोर की लंबाई

एलएंडटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता ने बताया कि कॉरिडोर की चौड़ाई 14 फीट है। वर्तमान में जहां स्थान खाली हैं, वहां कॉरिडोर का निर्माण कार्य भी साथ-साथ चल रहा है। प्रयास है कि मंदिरों का निर्माण पूरा होने के साथ कॉरिडोर भी बनकर तैयार हो जाए, जिससे श्रद्धालु परिक्रमा कर सकें।

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