प्राण-प्रतिष्ठा के बाद बदल जाएगी अयोध्या की तस्वीर, प्रतिदिन आएंगे तीन लाख श्रद्धालु; पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
Ram Mandir अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होगी। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 तक अयोध्या में हर वर्ष लगभग दो लाख पर्यटक/श्रद्धालु आते थे। अब इनकी संख्या बढ़कर दो करोड़ तक पहुंच गई है। हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में हर वर्ष 20 से 25 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना भी है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अयोध्या के विकास पर खास ध्यान रहा है। दीपोत्सव के आयोजन से अयोध्या में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ी है।
पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 तक अयोध्या में हर वर्ष लगभग दो लाख पर्यटक/श्रद्धालु आते थे। अब इनकी संख्या बढ़कर दो करोड़ तक पहुंच गई है। आने वाले कुछ वर्षों में अयोध्या में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में हर वर्ष 20 से 25 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना भी है।
2030 तक प्रतिदिन आएंगे तीन लाख श्रद्धालु
प्रमुख सचिव, पर्यटन मुकेश मेश्राम के अनुसार वर्ष 2030 तक अयोध्या में प्रतिदिन लगभग तीन लाख श्रद्धालु आएंगे। होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का अनुमान है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद कुछ हफ्तों तक यह संख्या तीन से छह-सात लाख तक हो सकती है। आने वाले श्रद्धालुओं की क्रय शक्ति के अनुसार होटल, मोटल, रेस्टोरेंट व ट्रांसपोर्ट की सुविधा की भी आवश्यकता होगी।रोजगार के मिलेंगे नए अवसर
अयोध्या में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। होटल इंडस्ट्री से जुड़े लगभग सभी ब्रांड्स ने अयोध्या में रुचि दिखाई है। अधिकांश ने जमीनें भी ले ली हैं और कुछ का निर्माण शुरू हो गया है। इसका लाभ लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी व गोरखपुर को भी होगा।
इंटरनेट पर छाया रहा अयोध्या
बीते कुछ वर्षों में इंटरनेट मीडिया पर अयोध्या को सर्च करने वालों की संख्या में लगभग एक हजार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह आंकड़े भी उम्मीद जगाते हैं। होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का अनुमान है कि आने वाले कुछ वर्षों में अयोध्या प्रतिदिन आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं के हिसाब से पहले नंबर पर होगी। वर्तमान में तिरुपति बालाजी मंदिर इस मामले में पहले पायदान पर है। वहां रोजाना लगभग 50 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं।और छूट देने पर विचार कर रही सरकार
होटल इंडस्ट्री के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी सहित अन्य बड़े शहरों में होटलों के निर्माण में कुछ और छूट देने पर भी विचार कर रही है। इसके लिए एक सात सदस्यीय समिति गठित की गई है।समिति बिल्डर्स बाइलाज संबंधी कुछ जटिलताओं को दूर करने का सुझाव दे सकती है। उम्मीद है कि समिति नक्शे के शुल्क में कटौती, निर्माण के लिए जमीन और सड़क की चौड़ाई का मानक कम करने के बारे में सुझाव दे सकती है।
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