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UP Politics: उपचुनाव के एजेंडे को धार देने में लगे अवधेश प्रसाद, इन मुद्दों के साथ योगी सरकार को घेरने की तैयारी

सपा सांसद ने निराश्रित पशुओं से फसलों की होने वाले नुकसान से बचाव के लिए 24 सितंबर को मिल्कीपुर तहसील परिसर में प्रस्तावित धरना की जानकारी देने के लिए पत्रकारों को बुलाया था। धरने के निराश्रित पशुओं के साथ जिन अन्य एजेंडे की चर्चा की उसमें कमोबेश उपचुनाव के एजेंडे की तस्वीर साफ दिखी। इस सीट पर विधायक रहे अवधेश प्रसाद के सांसद निर्वाचित होने के बाद उपचुनाव होना है।

By Anand Mohan Pandey Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 18 Sep 2024 02:06 PM (IST)
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अवधेश प्रसाद।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उप चुनाव का एजेंडा लगभग तय कर दिया है। मंगलवार को मीड‍िया से बातचीत में उनके इसी एजेंडे की झलक दिखी। 

निराश्रित पशुओं से फसलों की होने वाले नुकसान से बचाव के लिए 24 सितंबर को मिल्कीपुर तहसील परिसर में प्रस्तावित धरना की जानकारी देने के लिए उन्होंने पत्रकारों को बुलाया था। धरने के निराश्रित पशुओं के साथ जिन अन्य एजेंडे की चर्चा की उसमें कमोबेश उपचुनाव के एजेंडे की तस्वीर साफ दिखी। इस सीट पर विधायक रहे अवधेश प्रसाद ने सांसद निर्वाचित होने के बाद उप चुनाव होना है। पार्टी ने अवधेश के पुत्र अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। मीड‍िया से बातचीत में सांसद ने क्रमवार उन सारे मुद्दों का उठाया जो उपचुनाव की पिच पर सत्तापक्ष को नश्तर की तरह चुभेंगे।

सांसद ने इन मुद्दों के साथ योगी सरकार को घेरा

सांसद ने राजकीय पालीटेक्निक मिल्कीपुर,राजकीय आइटीआइ हरिंग्टनगंज से लेकर राजकीय महाविद्यालय परसावां, राजकीय इंटर कालेज टकसरा, आश्रम पद्धति विद्यालय मुगीशपुर व कुमारगंज में निर्मित सौ शय्या हास्पिटल तक की चर्चा कर प्रदेश की योगी सरकार को घेरा। कहा कि 2017 में विधानसभा का चुनाव वह हारे और भाजपा जीती। उनके कार्यकाल में स्वीकृत सारे विकास कार्यों को ठप करा दिया गया। 2022 में जब दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए तो पैरवी कर राजकीय पालीटेक्निक का निर्माण शुरू कराया। एक भाजपा नेता ने स्थगन आदेश लेकर निर्माण को लटका दिया था। पैरवी हुई तो कोर्ट ने खारिज कर दिया।

अब तक क्षेत्र के एक हजार युवा इंजीनियर बन जाते। इसका जवाब देना होगा। राजकीय आईटीआई हरिंग्टनगंज को केंद्र व प्रदेश दोनों से मान्यता दिलाई उसे निजी हाथों को सौंप दिया गया। सरकारी संस्था का लाभ इससे स्थानीय युवकों को नहीं मिलेगा। राजकीय महाविद्यालय परसावां में से राजकीय शब्द हटाकर डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अधीन उसे कर दिया गया।

क्षेत्र की जनता को इन सबका जवाब मुख्यमंत्री व भाजपा को देना होगा। कहा कि‍ ये सारा विकास कार्य अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में मंजूर करा धनावंटन कराया था। रौनाही में दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से भी मिले। 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदेश सरकार से देने की मांग की।

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