Ayodhya Cabinet Meeting: योगी कैबिनेट ने यूपी ड्रोन प्रचालन सुरक्षा नीति-2023 के प्रस्ताव को दी मंजूरी, अब लागू होंगे ये नए नियम
Ayodhya UP Cabinet Meeting अति विशिष्ट व विशिष्ट महानुभावों के भ्रमण व जनसभाओं त्यौहारों धार्मिक सम्मेलन व अन्य प्रमुख अवसरों पर अब अस्थाई रेड जोन घोषित किया जा सकेगा। कानून-व्यवस्था की दृष्टि से अब विशेष अवसरों पर अवांछित ड्रोन की उड़ान पर रोक लगाने के साथ ही नियम का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा सकेगी।
राज्य ब्यूरो, अयोध्या। ड्रोन के उपयोग काे बढ़ावा देने के साथ ही राज्य सरकार आंतरिक सुरक्षा को लेकर भी गंभीर है। ड्रोन को लेकर उपजी सुरक्षा की नई चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने नीति निर्धारित की है। प्रदेश में अब बिना अनुमति के कोई ड्रोन उड़ान नहीं भर सकेगा। इसके साथ ही ड्रोन का पंजीकरण कराना भी अनिवार्य होगा। थाना स्तर पर ड्रोन का पूरा विवरण भी दर्ज होगा। अयोध्या में गुरुवार को कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश ड्रोन प्रचालन सुरक्षा नीति-2023 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
नई नीति लागू होने पर भारत सरकार द्वारा लागू ड्रोन नियम 2021 का प्रभावी प्रवर्तन संभव हो सकेगा। नीति के तहत प्रदेश में हर ड्रोन का पंजीकरण व यूआईडी लेना आवश्यक होगा। ड्रोन का पंजीकरण पोर्टल भी किया जा सकेगा और उसकी गतिविधियों की थाना स्तर से निगरानी भी होगी। ड्रोन उड़ाने के लिए हवाई क्षेत्र में लाल, पीले व हरे जोन से जुड़े नियमों को अनुपालन भी सुनिश्चित कराया जा सकेगा।
अति विशिष्ट व विशिष्ट महानुभावों के भ्रमण व जनसभाओं, त्यौहारों, धार्मिक सम्मेलन व अन्य प्रमुख अवसरों पर अब अस्थाई रेड जोन घोषित किया जा सकेगा। कानून-व्यवस्था की दृष्टि से अब विशेष अवसरों पर अवांछित ड्रोन की उड़ान पर रोक लगाने के साथ ही नियम का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा सकेगी। जिला पुलिस नियंत्रण कक्षा के माध्यम से जिला व राज्य स्तरीय नोडल अधिकारियों काे ड्रोन के संचालन से जुड़ी सभी सूचनाएं भी मिल सकेंगी।
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इसके साथ ही भारत सरकार के डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर राज्य सरकार के नोडल अधिकारी तथा जिला नोडल अधिकारियाें की पहुंच भी बढ़ेगी। नीति के तहत राज्य सरकार के प्रशासिक नियंत्रण वाले अथवा मान्यता प्राप्त अनुसंधान व विकास संस्थान, शैक्षणिक संस्थान, उद्योग संर्वधन व आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप, प्राधिकृत प्रशिक्षण संस्था (जिनके पास वस्तु व सेवाकर पहचान संख्या है) को ड्रोन के निर्माण में छूट का लाभ भी प्रदान किया जा सकेगा।
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राज्य व जिला स्तर की समितियों का गठन कर नीति के अधीन की जाने वाली कार्रवाई का पर्यवेक्षण होगा। ड्रोन से जुड़े मामलों का निस्तारण भी होगा। पुलिस, राज्य कर्मचारियों व लोगों को ड्रोन तकनीक, उसके संचालन व नियमों के प्रति जागरूक व प्रशिक्षित भी किया जाएगा।