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Ayodhya Rape Case: अयोध्या दुष्कर्म कांड में दर्ज हुई पीड़िता की गवाही, अब रोज होगी सुनवाई

भदरसा सामूहिक दुष्कर्म कांड में बुधवार को दुष्कर्म पीड़िता किशोरी की गवाही विशेष न्यायाधीश पॉक्सो-एक्ट प्रथम निरुपमा विक्रम की अदालत ने दर्ज कर ली है। मामले की सुनवाई अब प्रतिदिन होगी। पीड़िता की गवाही के साथ ही आरोपित मोईद की ओर से अधिवक्ता ने जिरह की। समय के अभाव के कारण सह आरोपित राजू खान के अधिवक्ता ने जिरह के लिए समय मांगा।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 17 Oct 2024 11:32 AM (IST)
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दुष्कर्म पीड़िता किशोरी के कोर्ट में बयान हुए र‍िकॉर्ड।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

जागरण संवाददाता, अयोध्या। अयोध्या के बहुचर्चित भदरसा सामूहिक दुष्कर्म कांड में बुधवार को दुष्कर्म पीड़िता किशोरी की गवाही विशेष न्यायाधीश पॉक्सो-एक्ट प्रथम निरुपमा विक्रम की अदालत ने दर्ज कर ली है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने आरोपित सपा नेता मोईद खान की जमानत निरस्त करने के साथ विचारण न्यायालय को चार सप्ताह के अंदर पीड़िता व वादी की गवाही दर्ज कराने का निर्देश दिया था। मामले की सुनवाई अब प्रतिदिन होगी।

विचारण न्यायालय ने गवाही के लिए 10 अक्टूबर को पीड़िता व वादी (पीड़िता की मां) को बयान दर्ज कराने के लिए समन जारी किया गया था। न्यायालय में हाजिर न होने पर मंगलवार को जमानती वारंट जारी कर दिया गया था, जिसके बाद दुष्कर्म पीड़िता ने बुधवार को न्यायालय में उपस्थित हो कर अपना बयान दर्ज कराया।

पीड़िता की गवाही के साथ ही आरोपित मोईद की ओर से अधिवक्ता ने जिरह की। समय के अभाव के कारण सह आरोपित राजू खान के अधिवक्ता ने जिरह के लिए समय मांगा। अब उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में मुकदमे की कार्रवाई प्रतिदिन होगी। घटना में मुख्य आरोपित सपा नेता मोईद खान को स्थानीय न्यायालय व उच्च न्यायालय ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। घटना का राजफाश होने पर दोनों आरोपितों के विरुद्ध बीती 27 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। 

किशोरी से दुष्कर्म का आरोपित दोषमुक्त

संवाद सूत्र, अयोध्या। किशोरी के साथ दुष्कर्म करने और बताने पर जान से मारने की धमकी देने के मामले में गांव के ही आरोपित अजीत कुमार शर्मा के विरुद्ध न्यायालय ने पर्याप्त साक्ष्य न पाते हुए दोषमुक्त कर दिया है। यह आदेश विशेष न्यायााधीश पॉक्सो-एक्ट प्रथम निरुपमा विक्रम की अदालत ने दिया।

आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रजनीश सिंह के अनुसार घटना तीन वर्ष पूर्व 10 दिसंबर को रौनाही की है। नाबालिग किशोरी के पिता ने आरोपित अजीत के विरुद्ध के प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि जब पीड़िता खेत देखने जा रही थी, तभी आरोपित ने पीड़िता को जबरन घसीट कर खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया व किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।

घटनास्थल पर पहुंचे गांव के ही गुड्डू ने पीड़िता को आरोपित के चंगुल से बचाया। बचाव पक्ष ने अपने तर्क में कहा कि पीड़िता व आरोपित एक-दूसरे को आठ-नौ वर्षों से जानते थे व एक-दूसरे को पसंद करते थे। दोनों के मध्य संबंध आपसी सहमति से था। पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में इसकी पुष्टि की है। घटनास्थल पर दोनों को आपत्तिजनक हालत में देखकर गुड्डू ने पीड़िता के पिता को सूचना दे दी थी। न्यायालय ने किशोरी के मजिस्ट्रेट को दिए बयान को देखते हुए व पर्याप्त साक्ष्य ने होने के कारण आरोपित को दोषमुक्त करार दिया।

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