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Ayodhya Deepotsav 2023: सरयू किनारे दिखेगा दिलकश नजारा, भव्य दीपोत्सव पर दुनिया की नजर; तस्वीरों में देखें तैयारी

Ayodhya Deepotsav 2023 सालभर के इंतजार के बाद हर्षोल्लास का पर्व यानि दिवाली का पर्व आ रहा है। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या समेत पूरे देश में दीपावली पर्व की तैयारियां चल रही है। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दीपोत्सव मनाया जाता है। इस दिन राम की नगरी अयोध्या के भव्य दीपोत्सव पर देश और दुनिया की नजर रहती है।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Fri, 10 Nov 2023 07:47 PM (IST)
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Ayodhya Deepotsav 2023: दीपावली पर सरयू नदी के किनारे दिखेगा अद्भुत नजारा
डिजिटल डेस्क, अयोध्या।  Ayodhya Deepotsav 2023: सालभर के इंतजार के बाद हर्षोल्लास का पर्व यानि दिवाली का पर्व आ रहा है। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या समेत पूरे देश में दीपावली पर्व की तैयारियां चल रही है। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दीपोत्सव मनाया जाता है। 

दीप के इस पर्व को लेकर कई मान्यताएं जुड़ीं हुई हैं जिनमें सबसे अधिक प्रचलित है कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवान श्रीराम रावण का वध कर व लंका पर विजय हासिल करके 14 वर्षों के बाद वनवास की समयावधि को पूरा करने के पश्चात अपनी जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे। अपने प्रभु के आने की खुशी में व उनके स्वागत के लिए अयोध्यावासी पूरे नगर को दीयों से रोशन कर दिए थे। यही वजह है कि इस त्योहार को दीप के पर्व से जाना जाता है।

24 लाख दीपों से सजेगी अयोध्या नगरी

इस दिन राम की नगरी अयोध्या के भव्य दीपोत्सव पर दुनियाभर की नजर रहती है। इस बार रामनगरी में 24 लाख दीपों का विश्व कीर्तिमान बनाने का लक्ष्य है। इसके मद्देनजर राम की पैड़ी व चौधरी चरण सिंह घाट के सभी 51 स्थलों पर 24 लाख दीयों को सज्जित कर दिया गया है।

पिछले दीपोत्सव पर प्रज्ज्वलित हुए थे 15 लाख दीये

दीपोत्सव का प्रत्येक संस्करण भव्यता का प्रतिमान गढ़ने वाला रहा है। पिछले दीपोत्सव पर 15 लाख जलते दीपों का कीर्तिमान बनाने के लिए दो करोड़ पांच लाख रुपये खर्च हुए थे। इस बार दीपोत्सव के सातवें संस्करण में भी विश्व कीर्तिमान बनाया जाएगा। कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के निर्देशन में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। 

घाटों को रोशन करने की तैयारी पूरी

दिवाली पर 24 लाख दीपक जलाकर अयोध्या के घाटों को रोशन करने की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के वॉलंटियर्स ने बताया कि 'अयोध्या दीपोत्सव' को ऐतिहासिक बनाने के लिए राम की पैड़ी और चौधरी चरण सिंह के 51 घाटों पर दिए जलेंगे।

2017 में मेगा इवेंट के रूप में दीपोत्सव की शुरुआत

बता दें कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छोटी दीपावली के दिन मेगा इवेंट के रूप में दीपोत्सव की शुरुआत की। पहले संस्करण में ही रामकी पैड़ी पर रिकॉर्ड एक लाख 87 हजार दीप जले। पुष्पक विमान के प्रतीक हेलीकाप्टर से सरयू तट पर राम, सीता एवं लक्ष्मण के स्वरूप उतरे।

दूसरे संस्करण में पूर्व के कार्यक्रमों का पूरी गरिमा से पालन किए जाने के साथ प्रज्ज्वलित दीपों की संख्या तीन लाख 11 हजार तक जा पहुंची और सर्वाधिक दीप जलने के साथ रामनगरी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुई।

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तीसरे संस्करण में चार लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित

वहीं दीपोत्सव के तीसरे संस्करण में रामकी पैड़ी परिसर में एक साथ चार लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित हुए। 

चौथे दीपोत्सव में केवल पैड़ी परिसर में ही छह लाख छह हजार दीप जलाए गए जबकि एक लाख 51 हजार दीप 15 अन्य पौराणिक स्थलों पर प्रज्ज्वलित किए गए। 

दीपोत्सव का पांचवा संस्करण उत्सवधर्मिता का और भी नया अध्याय प्रशस्त करने वाला सिद्ध हुआ। इस बार कुल नौ लाख 41 हजार दीप दीप जलाए गए।

वहीं दीपोत्सव के छठें संस्करण में अकेले पैड़ी परिसर में ही 15 लाख दीप जलाए गए जबकि पूरे अयोध्या नगरी में 18 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित किए गए थे। 

रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के साथ संपूर्ण रामनगरी को दिव्यता प्रदान करने का अभियान चल रहा है और 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में रामलला का विग्रह नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होगा।

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