Ayodhya Deepotsav: रामलला के सम्मुख सजेगी सिर्फ फूलों की रंगोली, नहीं होगा रंगों का प्रयोग; 100 से अधिक कलाकार तैनात
Ayodhya Deepotsav 2024 रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली दीपावली का उत्सव मनाया जाएगा। इस बार मंदिर में विशिष्ट दीप तो जलेंगे ही साथ ही यहां बनने वाली रंगोली में रंगों का उपयोग नहीं किया जाएगा। मंदिर के सभी पांच मंडपों के संपूर्ण क्षेत्र में विशिष्ट प्रकार के पुष्पों की रंगोली सजाई जाएगी। इसमें रामलला के सामने स्वस्तिक सजाया जाएगा।
प्रवीण तिवारी, अयोध्या। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली दीपावली का उत्सव मनाया जाएगा। इस बार मंदिर में विशिष्ट दीप तो जलेंगे ही, साथ ही यहां बनने वाली रंगोली में रंगों का उपयोग नहीं किया जाएगा। मंदिर के सभी पांच मंडपों नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा (गूढ़) मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप के संपूर्ण क्षेत्र में विशिष्ट प्रकार के पुष्पों की रंगोली सजाई जाएगी। इसमें रामलला के सामने स्वस्तिक सजाया जाएगा।
थोड़ी-थोड़ी दूर पर हाथी, मोर, कमल के प्रतीक फूलों से बनाए जाएंगे। कलाकारों ने इसका स्केच तैयार किया है। इसमें देशी पुष्प के प्रयोग का आग्रह है, जैसे गेंदा, गुलाब, गुड़हल आदि। मंदिर प्रखंड में रंगों का प्रयोग न करने का निर्णय भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का है। इसके दृष्टिगत रंगोली सजाने का होमवर्क पूर्ण किया गया। सोमवार की शाम ट्रस्टी डा. अनिल कुमार मिश्र, मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव ने दीपोत्सव, रंगोली व मंदिर के संपूर्ण परिक्षेत्र को सज्जित करने की समीक्षा की। तय किया गया कि सभी मंडपों में फूलों की रंगोली बनाई जाएगी।
दीप सज्जित करने के लिए बनी स्वयंसेवकों की टोलियां
अयोध्या: मंदिर में दीपोत्सव के लिए भी टोलियां बनायी गई हैं। लगभग एक हजार स्वयंसेवकों की अलग-अलग टोलियां तैनात की जाएगी। हर टोली को दीप सज्जित कर उसे प्रज्वलित करने के स्थान के बारे में बता दिया गया है। गर्भगृह में विशिष्ट प्रकार के शीशे से कवर्ड दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। ट्रस्टी डा. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि दीप प्रज्वलन की तैयारी पूरी कर ली गई है।पहली बार दीपोत्सव की श्रृंखला में जुड़ेंगे कई ऋषि-मुनियों के आश्रम
जागरण संवाददाता, अयोध्या। इस बार भी दीपोत्सव पर संपूर्ण अयोध्या दीपों की आभा से जगमगाएगी। बड़ी संख्या में देवालयों, ग्राम पंचायतों के अमृत सरोवरों पर भी दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। इस बार सरयू व तमसा तट पर स्थित कई ऋषि-मुनियों के आश्रमों को भी दीपोत्सव की श्रृंखला में सम्मिलित किया गया है।
पर्यटन विभाग की ओर से इन स्थलों पर दीपों व सामग्री की आपूर्ति की जाएगी। यहां संयोजकों की नियुक्ति हो गई है। इन संयोजकों की देखरेख में ही दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। पर्यटन विभाग की ओर से जारी सूची में कई स्थलों का नाम न देख भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल ने शिकायत की व इन स्थानों को दीपोत्सव में शामिल कराने का प्रयास किया। इस पर पर्यटन विभाग ने इन्हें शामिल करने पर मुहर लगा दी।
पांडेय ने बताया कि अब दीपोत्सव के दिन इन स्थलों पर भी दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। इन स्थलों में पूरा का मांडवीधाम भी शामिल है। यह मड़ना में है। गन्ना समिति के चेयरमैन दीपेंद्र सिंह को यहां की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मया के दलपतपुर में स्थित महर्षि विश्वामित्र की तपोस्थली पर दीप जलाने का दायित्व दान बहादुर सिंह, मया के आलापुर स्थित वाल्मीकि आश्रम पर दीपोत्सव की जिम्मेदारी सत्यनारायण सिंह को सौंपी गई है।
मया के पौसरा स्थित पाराशर मुनि के आश्रम पर विनोद दुबे, मया के महबूबगंज स्थित श्रृंगी ऋषि आश्रम पर ध्रुव गुप्त दीपोत्सव की जिम्मेदारी संभालेंगे। गोसाईगंज के महादेवा घाट पर दीप प्रज्वलन का जिम्मा नगर पंचायत गोसाईंगंज अध्यक्ष विजय लक्ष्मी को दिया गया है।रमपुरवा के देव सरोवर पर सुमित तिवारी दीप प्रज्वलित कराएंगे। पूरा के पुनहद स्थित पुण्य हरि का दायित्व शेषमणि तिवारी को दिया गया है। भाजपा नेता शिवम सिंह को गौराघाट, आलोक मिश्र को मां कामाख्या देवी मंदिर व शैलेंद्र पांडेय को विशुन बाबा धार्मिक स्थल पर दीपोत्सव मनाने का जिम्मा दिया गया है।
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