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Ayodhya Deepotsav 2024: रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी, इस साल कितने दीयों से जगमग होगी रामनगरी? पढ़ें डिटेल

अयोध्या में दीपोत्सव 2024 की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार 25 लाख दीये जलाने का लक्ष्य है जिसके लिए 32 लाख मिट्टी के दीये खरीदे जाएंगे। पिछले साल 22 लाख 23 हजार दीये जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया था। इस बार घाटों की संख्या और वालंटियर्स की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। अधिक जानकारी के लिए खबर पढ़िए ।

By Praveen Tiwari Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 01 Oct 2024 08:11 PM (IST)
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अयोध्या में दीपोत्सव - जागरण अर्काइव ।

प्रवीण तिवारी, अयोध्या। दीपोत्सव के आठवें संस्करण के आयोजन की तैयारियां प्रारंभ हो गई है। जिला प्रशासन के साथ ही अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इसके लिए कमर कस ली है। इस बार रिकार्ड 25 लाख दीये प्रज्वलित करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए 32 लाख दीयों की खरीद की जाएगी। घाटों की संख्या व वालंटियर भी बढ़ाए जाएंगे।

गत वर्ष वालंटियरों ने 22 लाख 23 हजार दीये प्रज्वलित कर वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था। जिला प्रशासन की देखरेख में दीपोत्सव की सामग्री की खरीद के लिए टेंडर आमंत्रित किया जा चुका है। इसे चार अक्टूबर को खोला जाएगा। इसमें जिस फर्म को टेंडर मिलेगा उसे सामग्री की आपूर्ति का कार्यादेश जारी किया जाएगा। सामग्री की खरीद के लिए तीन टेंडर प्रकाशित किये गये हैं।

एक में दीया, बाती व इससे संबंधित सामग्री तो दूसरे में भोजन व तीसरे में अन्य मिश्रित सामग्री के लिए टेंडर प्रकाशित किया गया है। इसमें 32 लाख मिट्टी के दीये, 40 लाख रुई की बाती, 61 हजार लीटर कड़वा तेल के साथ ही 27 हजार टीशर्ट की खरीद को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त वालंटियरों व व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों के लिए छह दिन भोजन और जलपान की व्यवस्था भी की जाएगी।

दीपोत्सव से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि रुई की बाती के अलावा कैंडिल, स्टिक, माचिस आदि को क्रय किया जाएगा। इन वस्तुओं की आपूर्ति 20 अक्टूबर तक सुनिश्चित करने के लिए होमवर्क किया जा रहा है। जैसे- जैसे दीयों की आपूर्ति होती जाएगी, उन्हें निर्धारित घाटों के सामने नियत स्थलों पर संरक्षित किया जाना प्रारंभ किया जाएगा।

लक्ष्य के साथ बढ़ते रहे वालंटियर व घाट

2017 में शुरू हुए दीपोत्सव में अब तक छह बार विश्व कीर्तिमान बना है। अब तक सात संस्करण संपन्न हो चुके हैं। जैसे-जैसे राम की पैड़ी पर दीये प्रज्वलित करने का लक्ष्य बढ़ा, वैसे-वैसे वालंटियरों की संख्या व घाटों की संख्या में वृद्धि होती गई।

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