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Ayodhya Case: DNA मेल न खाने से भी मोईद खान की मुश्किलें नहीं होंगी कम, पुलिस ने आरोप पत्र में ल‍िखी है ये बात

सपा नेता मोईद खान और उसके नौकर राजू खान पर नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म व धमकी देकर लगातार दुष्कर्म करने का आरोप था। पीड़िता की तबीयत खराब होने पर जांच के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि किशोरी गर्भ से है। मामले का खुलासा हुआ और बीती 29 जुलाई को दोनों आरोपियों के विरुद्ध दुष्कर्म धमकी समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था।

By Rajesh Kumar Srivastava Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 03 Oct 2024 02:15 PM (IST)
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सामूहिक दुष्कर्म कांड में सपा नेता की नहीं कम होंगी मुश्‍क‍िलें।

संवाद सूत्र, अयोध्या। बहुचर्चित भदरसा सामूहिक दुष्कर्म कांड में आरोपी सपा नेता मोईद खान का रक्त परीक्षण भले ही पीड़िता के भ्रूण से मेल न खाया हो, लेकिन इससे उसकी मुश्किलें कम नहीं होंगी। पुलिस ने अपने आरोप पत्र में आरोपी सपा नेता पर दुष्कर्म के साथ अन्य अभियुक्त राजू खान से सहभागिता का भी दोषी बताया है। विधि विशेषज्ञों की राय के अनुसार डीएनए रिपोर्ट में आरोपी सपा नेता के रक्त से मेल न खाने से संबंधित अपराध में कुछ विशेष परिवर्तन नहीं आएगा।

आपराधिक मामलों के विशेष जानकार अधिवक्ता मनोज गौड़ व राघवेंद्र प्रताप सिंह का मानना है कि आरोपी मोईद खान को आईपीसी की धारा 376 डी में भी आरोपित किया गया है। इस धारा के अंतर्गत किसी नाबालिग से दुष्कर्म या इससे जुड़े अपराध में लिप्त रहने के अलावा जानकारी होने के बावजूद पुलिस को सूचित न किए जाने पर उसी तरह दोषी माना जा सकता है जैसे दुष्कर्म के आरोपित को दोषी माना जाता है।

उपरोक्त मामले ने यही परिस्थितियां परिलक्षित होती हैं। आरोपित सपा नेता मोईद खान को उच्च न्यायालय से जमानत में इसका लाभ मिल सकता है लेकिन यह दोषमुक्ति आधार नहीं हो सकता है। संपूर्ण घटनाक्रम पीड़िता के बयान पर निर्भर करता है। अधिवक्ता अवधेश यादव व अमन श्रीवास्तव ने इसी विचार पर सहमति जताई।

क्या था मामला

सपा नेता मोईद खान और उसके नौकर राजू खान पर खेत व बेकरी में काम करने वाली नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म व धमकी देकर लगातार दुष्कर्म करने का आरोप था। मामले में पीड़िता की तबीयत खराब होने पर जांच के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि किशोरी गर्भ से है। जिसको लेकर मामले का खुलासा हुआ और बीती 29 जुलाई को दोनों आरोपितों के विरुद्ध दुष्कर्म, धमकी समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। जिसके बाद दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी हुई और उनकी जमानत याचिका भी स्थानीय न्यायालय से खारिज हो चुकी है। दोनों आरोपी मंडल कारागार में निरुद्ध हैं। शिकायत को वापस लेने को लेकर पीड़िता पर भरसक दबाव बनाया गया था।

अब तक क्या-क्या हुई कार्रवाई

मामले की जांच के दौरान मुख्य आरोपित मोईद खान की संलिप्तता पाए जाने पर उसका आपराधिक इतिहास खंगाला जाने लगा। उसकी अवैध संपत्तियों की जांच शुरू की गई। क्षेत्र में उसके राजनैतिक दबदबे से बनाई गई अवैध बेकरी व शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को ध्वस्त कर दिया गया। घटना को लेकर बीती 26 नवंबर को आईपीसी की धारा 376 डी ए व 506 सहित पॉक्सो एक्ट की धारा 5जी जे(2) एवं 4/6 की धाराओं में चार्जशीट विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रथम निरुपमा विक्रम की अदालत में पेश किया जा चुका है। आरोप गठित करने के लिए अगली सुनवाई आठ अक्टूबर नियत की गई है।

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