जागरण संवाददाता, अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां परखीं। योगी ने 30 दिसंबर के कार्यक्रम को 22 जनवरी का रिहर्सल बताया। मुख्यमंत्री ने अफसरों को अयोध्या में होटलों की 22 जनवरी की बुकिंग निरस्त कराने का निर्देश भी दिया। बड़ी संख्या में आ रहे वीवीआइपी को ठहराने के लिए पर्याप्त होटल रामनगरी में नहीं हैं, ऐसे विशिष्टजन के लिए लखनऊ, प्रयागराज व वाराणसी में पहले से होटल के इंतजाम में प्रशासन लगा है। जिन होटलों में वीवीआइपी ठहरेंगे, सुरक्षा की दृष्टि से बाहरी उसमें नहीं रह सकेंगे। बता दें, प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव तो 22 जनवरी को पीएम नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में होंगा, उससे पहले पीएम 30 दिसंबर को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और अयोध्या रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करेंगे। साथ ही हजारों करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की घोषणा करेंगे।
निमंत्रण पत्र वाले ही आमंत्रित
22 जनवरी को वही लोग अयोध्या में आ सकेंगे जिनके पास निमंत्रण पत्र है या तो सरकारी ड्यूटी में तैनात होंगे। योगी ने कहा, 22 जनवरी को आने वाले विमान अकेले श्रीराम एयरपोर्ट पर नहीं खड़े हो पाएंगे। आसपास के जिलों की हवाई पट्टी व एयरपोर्ट पर उनकी व्यवस्था करने का निर्देश दिया। आयुक्त सभाकक्ष में उन्होंने विकास व कानून-व्यवस्था की बैठक में इसे स्पष्ट कर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी में रात-दिन जुटने को कहा।
त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप सजेगी रामनगरी
अयोध्या में 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भव्य नागरिक अभिनंदन की तैयारी है। योगी ने कहा कि धर्मनगरी अयोध्या को त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप सजाया जाए, पूरी अयोध्या राममय हो। मठ-मंदिरों को सजाएं। भव्य तोरण द्वार तैयार कराएं। स्थान-स्थान पर भजन सरिता का प्रवाह हो। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए अयोध्यावासी भी उत्सुक हैं। ऐसे में उनका भी यथोचित सहयोग लें। साधु-संत गणों का मार्गदर्शन प्राप्त करें। पुष्पवर्षा करने के साथ स्वस्तिवाचन कर उनका अभिनंदन किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दिन भर रामनगरी में रहे। रामलला व बजरंगबली के दर्शन-पूजन के साथ ही उनका जोर प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारियों पर रहा।
स्थानीय संतों के साथ बैठक
गुरुवार को मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के साथ निर्माणाधीन मंदिर सहित गर्भगृह का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ बैठक कर इस महनीय अभियान की समीक्षा की और पूर्णता की ओर अग्रसर सभी योजनाओं को तय समय के भीतर पूर्ण करने का निर्देश दोहराया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय संतों के साथ बैठक भी की और 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री के स्वागत तथा उनकी सभा के साथ 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान किया।