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आतंकी पन्नू की धमकी के बाद अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था सख्त, राम मंदिर में चप्पे-चप्पे पर ATS कमांडो तैनात

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बाद अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। राम मंदिर से लेकर संपूर्ण रामनगरी में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। रामजन्मभूमि परिसर राम मंदिर के संपर्क मार्गों हनुमानगढ़ी कनक भवन सहित प्रमुख मंदिरों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वाड की मदद से चेकिंग की जा रही है।

By Ravi Srivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 17 Nov 2024 08:20 AM (IST)
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हनुमानगढ़ी की ओर जाने वाले भक्तिपथ पर तैनात कमांडो दस्ता : जागरण
संवाद सूत्र, अयोध्या। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी को दृष्टिगत रखते हुए शनिवार को रामनगरी में कड़ा पहरा रहा। राम मंदिर से लेकर संपूर्ण रामनगरी में सुरक्षा टीम भ्रमणशील रही। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने एटीएस कमांडो, सीआरपीएफ व पीएसी के जवानों के साथ रामजन्मभूमि परिसर व राम मंदिर के संपर्क मार्गों व हनुमानगढ़ी, कनक भवन सहित प्रमुख मंदिरों का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था देखी।

वहां तैनात जवानों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया। रामनगरी से होकर आवागमन करने वाले वाहनों को चेकिंग के बाद ही आगे जाने दिया गया। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में बम निरोधक दस्ते एवं डाग स्क्वाड की मदद से पुलिस ने चेकिंग कराई। पन्नू ने गत दिनों एक वीडियो जारी कर 16 नवंबर को राममंदिर एवं रामनगरी में हिंसा कराने की धमकी दी थी।

कार्तिक मेला के दौरान मिली इस धमकी को सुरक्षा तंत्र ने गंभीरता से लिया। इसे दृष्टिगत रखते हुए पिछले तीन-चार दिनों से ही सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है। शनिवार को रामनगरी अभेद्य दुर्ग में बदली नजर आई। अयोध्या के प्रवेश द्वारों सुबह से ही चेकिंग शुरू करा दी गई थी।

यही नहीं कमांड सेंटर में पहुंचकर पुलिस अधिकारियों ने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से भी रामनगरी की गतिविधियों का अवलोकन किया। रेलवे स्टेशनों पर भी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहीं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उच्चाधिकारियों के अग्रिम आदेश तक अतिरिक्त सतर्कता का यह क्रम जारी रहेगा।

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा जैसा दृश्य

अयोध्या : महानुष्ठान व उत्सव के मध्य गत वर्ष 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य दिव्य मंदिर में विराजमान हुए थे। कई माह से इसकी तैयार चल रही थी। उस समय भक्तों का आह्लाद आसमान पर था। इन दिनों जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ का समय मात्र दो माह ही दूर है, तो फिर से रामनगरी की रंगत बदलने लगी है। हालांकि अभी इस मौके पर होने वाले कार्यक्रमों की अधिकृत घोषणा तो नहीं हुई, लेकिन आगामी जनवरी माह उल्लास व उत्सव के रंग में डूबा रहेगा, इसकी अनुगूंज सुनाई देने लगी है।

कारसेवकपुरम में विश्व शांति के लिए अनुष्ठान प्रारंभ हो चुका है, जिसका समापन जनवरी में होगा। इसी तरह कुछ दिन पूर्व राम मंदिर के ट्रस्टी महंत दिनेंद्रदास के नेतृत्व में मंदिर की यज्ञशाला में रामचरित मानस का सामूहिक पारायण हुआ तो कर्नाटक व महाराष्ट्र के भक्तों ने परिसर में अनुष्ठान कर आराध्य के प्रति आस्था निवेदित की। साथ ही राजस्थानी भक्तों ने आगामी जनवरी माह में रामरक्षा स्तोत्र का एक लाख बार पारायण करने का संकल्प व्यक्त किया है।

इस समय अनुष्ठान के अलावा भक्तों के आने का क्रम भी तीव्रता से बढ़ा है। अब रामनगरी का दृश्य बिल्कुल प्राण प्रतिष्ठा के दिनों जैसा ही लग रहा है। गत दो नवंबर से भक्तों का जनसमुद्र उमड़ना प्रारंभ हुआ, जो अभी प्रवाहित हो रहा है। पखवारे भर में दस लाख से अधिक भक्तों ने रामलला का दर्शन पूजन किया।

विशेष बात यह है कि तीन दिन तक निरंतर एक लाख से अधिक रामभक्त यहां आए और रामलला का दर्शन किया। नौ नवंबर को एक लाख 10 हजार, 10 को एक लाख 15 हजार व 11 नवंबर को एक लाख श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किया। इसके अलावा दीपोत्सव के पहले व बाद में भी कई अवसर आए जब भक्तों की संख्या 80 हजार से एक लाख के बीच रही। नित्य औसतन 60 से 70 हजार भक्त दर्शन कर रहे हैं।

मंंदिर व्यवस्था के प्रमुख गोपाल राव कहते हैं कि निश्चित रूप से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर उत्सव होगा, लेकिन इसकी रूपरेखा तय होने पर इसे सार्वजनिक किया जाएगा। ट्रस्टी डा. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद ऐसे दर्जनों अवसर आए हैं, जब यहां भिन्न-भिन्न प्रांतों व वर्गों से जुड़े भक्तों ने आकर दर्शन पूजन किया है। अनुष्ठान भी किए।

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