Move to Jagran APP

Ayodhya Ram Mandir: देशभर के 121 वैदिक आचार्य रामजन्मभूमि परिसर में आज से करेंगे अनुष्ठान

देश के कोने कोने से 121 वैदिक आचार्यों कारसेवकपुरम पहुंच गए। इसमें कोई मध्य प्रदेश बिहार महाराष्ट्र वाराणसी उड़ीसा का तो काेई दिल्ली का है। नेपाल राष्ट्र के भी 12 आचार्य इस अनुष्ठान का संपादित कराने आए हैं। ये सभी रामजन्मभूमि परिसर की भूमि शांति के लिए यजुर्वेद का पारायण करेंगे जो नियमित रूप से 14 जनवरी मकरसंक्रांति तक चलेगा।

By Praveen Tiwari Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 10 Jan 2024 02:27 PM (IST)
Hero Image
देशभर के 121 वैदिक आचार्य रामजन्मभूमि परिसर में आज से करेंगे अनुष्ठान
जागरण संवाददाता, अयोध्या। 16 जनवरी से शुरू होने वाले रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का विधान अहम अनुष्ठान के साथ बुधवार को प्रारंभ हो जाएगा। इसे संपादित करने वाले देश के कोने कोने से 121 वैदिक आचार्यों कारसेवकपुरम पहुंच गए। इसमें कोई मध्य प्रदेश , बिहार, महाराष्ट्र, वाराणसी, उड़ीसा का तो काेई दिल्ली का है।

नेपाल राष्ट्र के भी 12 आचार्य इस अनुष्ठान का संपादित कराने आए हैं। ये सभी रामजन्मभूमि परिसर की भूमि शांति के लिए यजुर्वेद का पारायण करेंगे, जो नियमित रूप से 14 जनवरी मकरसंक्रांति तक चलेगा। अनुष्ठान की पूर्णाहुति यज्ञ से होगी। इसके तुरंत बाद ही प्राण प्रतिष्ठा का मूल स्वरूप सामने होगा।

16 से 21 जनवरी तक विभिन्न पूजन, अधिवास आदि वैदिक पूजन की प्रक्रियाएं संपन्न होगी। 22 जनवरी को मध्य दिवस में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न की जाएगी। आचार्य दुर्गा प्रसाद ने बताया कि 10 जनवरी से वेद का पारायण सामूहिक रूप से प्रारंभ होगा।

एक निश्चित पाठ के बाद हवन होगी। यह पहुंचे कानपुर के एक आचार्य ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होना, मेरे जीवन का सर्वोत्तम क्षण है। वहीं नेपाल के आचार्यों ने कहा कि अराध्य की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का मौका जीवन में किसी किसी को मिलता है। पांच सौ सदी बाद अवसर आया है। इससे देश विदेश में हर्ष है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।