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Ayodhya News: भक्ति के बीच PASS बना रोड़ा, रामनगरी में पहुंचने के बाद भी आरती में नहीं हो सके शामिल; मायूस लौट रहे भक्त

प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से भक्तों को आरती पास जारी किए जाने लगे लेकिन इसकी संख्या अब भी बहुत सीमित है। सीमित पास के चलते रामभक्तों को बिना आरती के ही मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री के हाथों 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से ही रामलला की विभिन्न आरती में साधारण भक्त भी शामिल किए जाने लगे हैं।

By lavlesh kumar mishra Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 02 Sep 2024 08:30 PM (IST)
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बिना आरती मायूस लौट रहे रामभक्त (प्रतिकात्मक फोटो)

लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। दूरदराज से नित्य रामनगरी पहुंच रहे श्रद्धालु अब केवल रामलला का दर्शन ही नहीं, उनकी आरती में भी सम्मिलित होना चाहते हैं। इसके लिए वे अयोध्या में ठहरते भी हैं और अगले दिन येन-केन-प्रकारेण आरती पास जारी करा अपने आराध्य की आरती में शामिल होते हैं, लेकिन पास की सीमित संख्या हर भक्त की लालसा नहीं पूरी कर पा रही।

22 जनवरी को पीएम के हाथों हुई थी प्राण प्रतिष्ठा

कई भक्तों की इच्छा है कि दर्शनार्थियों की संख्या के सापेक्ष अब ट्रस्ट को आरती पास की संख्या भी बढ़ानी चाहिए। जन्मभूमि पर निर्मित नव्य राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से ही रामलला की विभिन्न आरती में साधारण भक्त भी शामिल किए जाने लगे हैं।

इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आने के बाद जब रामलला वैकल्पिक गर्भगृह में विराजे, तो लगभग 30 श्रद्धालुओं को पास जारी कर आरती में शामिल किया जाने लगा था।

श्रद्धालुओं को होना पड़ रहा मायूस

प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से भक्तों को आरती पास जारी किए जाने लगे, लेकिन इसकी संख्या अब भी बहुत सीमित है। ये पास ट्रस्ट के दो यात्री सेवा केंद्रों से जारी होते हैं। कम संख्या होने के कारण हर दिन तमाम श्रद्धालुओं को मायूस होना पड़ता है। वैसे तो पास सुबह छह से रात नौ बजे तक बनते हैं, लेकिन 12 बजते-बजते यह खत्म हो जाते हैं।

आरती के लिए नहीं बच रहे पास

राजस्थान के सीकर जिले से आए श्रद्धालु रघुवीर आनंद ने बताया, वह सपरिवार आरती में शामिल होना चाहते थे। वे बिड़ला धर्मशाला के सामने स्थित कार्यालय में पहुंचे तो पता चला कि शयन आरती के पास खत्म हो गए। उन्होंने अगले दिन की मंगला आरती के पास के लिए अनुरोध किया तो बताया गया कि वह भी बुक हो चुके हैं।

श्रृंगार आरती का पास मिल सकता है, लेकिन सुबह सात बजे ही उन्हें ट्रेन पकड़नी थी, इस कारण वह चाहकर भी इच्छा पूरी नहीं कर पाए। इसी तरह से हर दिन बड़ी संख्या में भक्त आरती से वंचित रह जाते हैं।

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ट्रस्ट प्रतिदिन जारी करता है 150-150 पास

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रतिदिन रामलला की आरती के लिए 150-150 पास ही जारी किए जाते हैं। यानी दिनभर में तीनों आरती के लिए 450 पास जारी होते हैं। प्रत्येक आरती के 150 पास में से 30 पास आनलाइन बुक होते हैं, तो 45 पास कार्यालय से ऑफलाइन जारी किए जाते हैं। शेष 75 पास ट्रस्ट के पदाधिकारियों की संस्तुति पर श्रद्धालुओं के लिए जारी किए जाते हैं।

हर दिन रामलला की होती हैं पांच आरतियां

ट्रस्ट की ओर से प्रतिदिन रामलला की पांच आरतियां कराई जाती हैं। सुबह चार बजे मंगला आरती, सुबह छह बजे श्रृंगार आरती, दोपहर 12 बजे भोग आरती, सायं चार बजे संध्या आरती और रात दस बजे शयन आरती होती है। इनमें से केवल तीन आरतियाें मंगला, श्रृंगार व शयन के लिए ही प्रतिदिन पास जारी होते हैं।

विशेष परिस्थितियों में ही ट्रस्ट बढ़ाता है पास

राम मंदिर के व्यवस्थापक व विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी गोपाल राव कहते हैं, मंदिर परिसर में वर्तमान में उपलब्ध स्थान के सापेक्ष ट्रस्ट की ओर से आरती पास जारी किए जा रहे हैं। विशेष परिस्थितियों में किसी एक दिन के लिए ट्रस्ट पास की संख्या बढ़ा सकता है, लेकिन यह अपरिहार्य स्थिति में ही किया जा सकता है।

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