Ayodhya Ram Temple: राम मंदिर के लिए तीन मूर्तियों में से एक का चुनाव, इनके हाथों से निर्मित मूर्ति होगी स्थापित!
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने पहले मनोयोग से तीनों प्रतिमाओं का अवलोकन किया तदुपरांत गुप्त मतदान के माध्यम से पसंद की प्रतिमा के बारे में विचार व्यक्त किया। मतदान का निर्णय ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के पास सुरक्षित रखा गया है। अनुमान है कि पांच से दस जनवरी के बीच मूर्ति चयन किए जाने का निर्णय सार्वजनिक किया जाएगा।
रमाशरण अवस्थी, अयोध्या। राम मंदिर में अरुण योगीराज के हाथों निर्मित प्रतिमा स्थापित की जाएगी। राम मंदिर के मूल गर्भगृह में स्थापित किए जाने के लिए रामलला की तीन प्रतिमाएं निर्मित की गई हैं। इन प्रतिमाओं को अरुण योगीराज के अतिरिक्त गणेश भट्ट एवं सत्यनारायण पांडेय ने निर्मित किया है। मूल गर्भगृह में स्थापित करने के लिए इन्हीं तीन मूर्तियों में से एक का चुनाव किया गया है।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने पहले मनोयोग से तीनों प्रतिमाओं का अवलोकन किया, तदुपरांत गुप्त मतदान के माध्यम से पसंद की प्रतिमा के बारे में विचार व्यक्त किया। मतदान का निर्णय ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के पास सुरक्षित रखा गया है। अनुमान है कि पांच से दस जनवरी के बीच मूर्ति चयन किए जाने का निर्णय सार्वजनिक किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, रामलला की जिस प्रतिमा को ट्रस्ट के अधिकाधिक सदस्यों ने पसंद किया, वह अरुण योगीराज द्वारा निर्मित है। मतदान में प्रख्यात अधिवक्ता के परासरन एवं उडुपी के स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ को छोड़ कर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अन्य सभी 15 सदस्य उपस्थित रहे। इनमें अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास, कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि, महासचिव चंतराय, राम मंदिर समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, युगपुरुष स्वामी परमानंद, अयोध्या राजा बिमलेंद्रमोहन मिश्र, डॉ. अनिल मिश्र, कामेश्वर चौपाल, महंत दिनेंद्रदास, केंद्र में तैनात आइएएस ज्ञानेश कुमार, प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव संजय प्रसाद, जिलाधिकारी नितीश कुमार शामिल रहे। इसी वर्ष के मध्य में प्रतिमा निर्माण के लिए अरुण योगीराज का नाम आते ही यह कयास लगाया जाने लगा था कि उन्हीं के द्वारा निर्मित प्रतिमा को पसंद किया जाएगा। यद्यपि ट्रस्ट की ओर से शीघ्र ही स्पष्ट कर दिया गया था कि रामलला की तीन प्रतिमाएं निर्मित की जाएंगी और इसे बनाने वालों में कौन लोग शामिल हैं।
ट्रस्ट ने इन तीन कलाकारों का चुनाव कई स्तर पर स्क्रीनिंग के बाद किया गया था। ट्रस्ट की प्राथमिकता-पसंद अगाध आस्था का केंद्र होने की महनीयता से युक्त पांच वर्षीय बालक की निर्दोष ताजगी व्यक्त करती प्रतिमा थी और तीनों प्रतिमाएं इसी भावभूमि पर निर्मित की गई हैं।
कौन हैं अरुण योगीराज?
जिन अरुण योगीराज की प्रतिमा चयनित किए जाने का अनुमान है, वह कर्नाटक के मैसूर निवासी प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे हैं। उनके पिता को वाडियार घराने के महलों को खूबसूरती देने के भी लिए जाना जाता था। दिल्ली स्थित इंडिया गेट के पीछे 30 फीट ऊंची सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छानुसार 2022 में अरुण योगीराज द्वारा ही निर्मित है।यह भी पढ़ें: अयोध्या के इतिहास में कई अध्याय जोड़ने आ रहे प्रधानमंत्री मोदी, PM के दौरे से पहले चमक रही है रामनगरी; PHOTOS
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