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यूपी में लखनऊ से सटे इस जिले में जमीन की कीमतों में बंपर उछाल, हैरान कर देगी भाव बढ़ने की वजह

सर्किल रेट न बढ़ने के बावजूद प्रदेश में पहले नंबर पर आने की वजह राम मंदिर के निर्माण शुरू होने के बाद जमीनों की बढ़ी कीमतों के साथ सरकारी परियोजनाएं भी हैं। एयरपोर्ट से लेकर कई परियोजनाओं के लिए जमीन की खरीद अब तक जारी है। रामनगरी में जमीन की कीमतें 20 से 25 लाख रुपये प्रति बिस्वा तक पहुंच गई हैं।

By Anand Mohan PandeyEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Wed, 06 Dec 2023 08:06 PM (IST)
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यूपी में लखनऊ से सटे इस जिले में लाखों के पार हुई जमीन की कीमत
आनंद मोहन, अयोध्या। राम मंदिर के लोकार्पण से पहले सुरसामुखी हुई जमीनों की कीमतों से सदर के उप निबंधक कार्यालय ने रजिस्ट्री से कमाई में सवा सौ प्रतिशत की छलांग लगाई है। नवंबर माह के लक्ष्य के सापेक्ष उसकी आय ने प्रदेश के टॉप-10 जिलों में पहले पायदान पर अयोध्या को पंहुचा दिया। सहायक महानिरीक्षक निबंधन वाईपी सिंह इसकी पुष्टि करते हैं। नवंबर में अयोध्या जिले के लक्ष्य 21 करोड़ 24 लाख रुपये के सापेक्ष 23 करोड़ 19 लाख 26 हजार रुपये सरकारी खजाने को मिलने की जानकारी वह देते हैं।

प्रदेश के टॉप-10 जिलों में सबसे ऊपर अयोध्या के होने की यह तस्वीर तब है जब सर्किल रेट अगस्त 2017 से नहीं बढ़ा है। छह वर्ष से इसके बढ़ने का इंतजार है।

जमीन की कीमतों में जबरदस्‍त उछाल 

दरअसल, सर्किल रेट न बढ़ने के बावजूद प्रदेश में पहले नंबर पर आने की वजह राम मंदिर के निर्माण शुरू होने के बाद जमीनों की बढ़ी कीमतों के साथ सरकारी परियोजनाएं भी हैं। एयरपोर्ट से लेकर कई परियोजनाओं के लिए जमीन की खरीद अब तक जारी है। रामनगरी में जमीन की कीमतें 20 से 25 लाख रुपये प्रति बिस्वा तक पहुंच गई हैं, जो दो वर्ष पहले तीन से पांच लाख रुपये थीं। क्रेता सर्किल रेट से बढ़ी जिस कीमत पर कई गुना महंगी जमीन खरीद रहे हैं, उसी आधार पर स्टांप की अदायगी भी करते है, जिसने स्टांप से हुई आय ने जिले को प्रदेश के पहले स्थान पर पहुंचा दिया।   

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सवा सौ प्रतिशत का रिकॉर्ड उछाल

रामनगरी में जमीन की कीमतों में उछाल की यह तस्वीर उप निबंधक कार्यालय सदर की है। नवंबर में सदर के उप निबंधक कार्यालय का लक्ष्य 11 करोड़ 77 लाख रुपये था, जिसके सापेक्ष 14 करोड़ 84 लाख का राजस्व जुटा कर सवा सौ प्रतिशत का रिकॉर्ड उछाल दर्ज हुआ।

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सोहावल का उप निबंधक कार्यालय लक्ष्य के करीब पहुंच 97 प्रतिशत पर रुक गया। रुदौली, मिल्कीपुर व बीकापुर नवंबर के लक्ष्य से पीछे हैं। माना जा रहा है कि राम मंदिर के लोकार्पण के बाद भी जमीन की कीमतें रुकने का नाम नहीं लेंगी। छह वर्ष से सर्किल रेट न बढ़ने का दर्द रजिस्ट्री कार्यालय के लिपिकों की जुबान पर है। वे कहते हैं कि सर्किल रेट न बढ़ने से सरकारी खजाने को भी कम आय होती है। प्रस्तावित सर्किल रेट का अगर अनुमोदन हो जाता तो गुप्तारघाट से दशरथ समाधि तक अयोध्या बिल्वहरि बंधा के फोरलेन के लिए शुरू जमीनों की खरीद से सदर निबंधक कार्यालय का राजस्व डेढ़ से दो सौ गुना ऊपर जाना नवंबर में मुश्किल न होता।

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