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अयोध्या में चौदह कोसी परिक्रमा के दौरान राम की पैड़ी पर उमड़े श्रद्धालु, देखें PHOTOS

अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा में 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। रामनगरी की परिधि आस्था की डोर से बंधी रही। परिक्रमा मार्ग पर न केवल भक्ति का ज्वार उमड़ रहा था बल्कि नगरी का आंतरिक प्रभाग भी कहीं अधिक गहनता और गरिमा से शिरोधार्य किया जाता रहा। वहीं पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने मेहनत करनी पड़ी।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 11 Nov 2024 12:10 PM (IST)
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परिक्रमा के उपरांत हनुमानगढ़ी की ओर जाने वो भक्ति पथ पर उमड़े दर्शनार्थी। जागरण
संवाद सूत्र, अयोध्या। अक्षय नवमी के अवसर पर बीती शाम से ही शुरू रामनगरी की 14 कोसी परिक्रमा रविवार को भी पूरे प्रवाह में आगे बढ़ती रही। परिक्रमा का मुहूर्त तो शनिवार को सायं 6:32 बजे से था, किंतु श्रद्धालु मुहूर्त से घंटों पूर्व पूरे उत्साह के साथ परिक्रमा मार्ग पर आगे बढ़ने लगे। मुहूर्त शुरू होने के बाद तो रामनगरी की 14 कोस की परिधि में तिल तक रखने की जगह नहीं बची। कुछ घंटे तक भीड़ के आगे पुलिस भी असहाय दिखी और उसे भीड़ नियंत्रित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

रविवार को सूर्योदय के साथ भीड़ के दबाव की चुनौती कुछ कम हुई, किंतु श्रद्धालुओं का प्रवाह पूरे दिन अविरल धार के रूप में आगे बढ़ता रहा। सायं 4:45 बजे अक्षय नवमी के मुहूर्त तक रामनगरी की परिधि आस्था की डोर से बंधी रही। श्रद्धालुओं में युवाओं और प्रौढ़ों के अलावा बुजुर्ग, बच्चे तथा महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल रहे।

रामजन्मभूमि पर नवनिर्मित मंदिर में 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की स्थापना और रामनगरी को विश्व की श्रेष्ठतम सांस्कृतिक नगरी बनाए जाने के प्रयासों के बीच हो रही परिक्रमा में कहीं अधिक उल्लास अर्पित हुआ। परिक्रमा मार्ग पर न केवल भक्ति का ज्वार उमड़ रहा था, बल्कि नगरी का आंतरिक प्रभाग भी कहीं अधिक गहनता और गरिमा से शिरोधार्य किया जाता रहा।

स्थानीय अभिसूचना इकाई ने परिक्रमा में 30 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान व्यक्त किया है। परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की ओर से व्यापक व्यवस्था की गई थी। 14 कोस की परिधि में तीन दर्जन स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर लगाए गए थे, ताकि परिक्रमा करने वालों को जरूरत के हिसाब से त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके। स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से एवं वैयक्तिक स्तर पर भी जगह-जगह शिविर लगाकर परिक्रमार्थियों की सेवा की गई।

श्रद्धालुओं से पटे रहे आस्था के केंद्र

दिन ढलने के साथ परिधि पर हिलोर लेने वाला आस्था का ज्वार रामनगरी के आंतरिक प्रभाग की ओर उन्मुख हुआ। रामजन्मभूमि सहित हनुमानगढ़ी, कनकभवन, दशरथमहल जैसे आस्था के केंद्र श्रद्धालुओं से पटे रहे। कुछ परिक्रमार्थियों ने सरयू स्नान के साथ परिक्रमा की शुरुआत की, तो अधिकांश ने परिक्रमा पूर्ण होने पर सरयू स्नान का पुण्य अर्जित किया।

पंचकोसी परिक्रमा आज

अपराह्न 1:54 बजे से - अक्षय नवमी के बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी देवोत्थानी एकादशी पर होने वाली रामनगरी की पंचकोसी परिक्रमा का मुहूर्त सोमवार को अपराह्न 1:54 बजे से आरंभ हो रहा है। देवोत्थानी एकादशी की तिथि मंगलवार को पूर्वाह्न 11:38 बजे तक रहेगी।

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