Move to Jagran APP

Ayodhya News: जिद पर अड़े बाबा बौखनाग, रात में ही किया रामलला के दर्शन

बीते मंगलवार को बाबा बौखनाग देव समिति भाटिया की ओर से उत्तरकाशी के भाटिया गांव से डोली यात्रा देहरादून परेड ग्राउंड पहुंची और पहली बार बाबा बौखनाग की डोली भक्तों को दर्शन व आशीर्वाद के लिए अयोध्या रवाना हुई थी। मान्यता है कि बाबा पहाड़ों के रक्षक हैं। इसलिए उत्तरकाशी के सिलक्यारा में हुए टनल हादसे के दौरान उनकी सभी पर कृपा के लिए घटनास्थल पर स्थापित किया गया था।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 19 Jul 2024 10:32 AM (IST)
Hero Image
रामलला के दर्शन के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के साथ जाते उत्तरकाशी से आए श्रद्धालु: सौ. दर्शनार्थी

 लवलेश कुमार मिश्र, जागरण अयोध्या। पिछले वर्ष नवंबर में उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग हादसे के समय श्रमिकों को सकुशल बाहर निकलवाने वाले ग्राम देवता बाबा बौखनाग ने आखिरकार रामलला का दर्शन कर लिया। उनके दर्शन का समय तो गुरुवार भोर में नियत था, लेकिन बाबा हठ कर बैठे तो भाटिया गांव के ग्रामीणों को उन्हें बुधवार शाम ही दर्शन कराना पड़ा।

डोली यात्रा में साथ आए लगभग 2000 ग्रामीणों ने भी साधारण मार्ग से रामलला का दर्शन-पूजन किया। बाबा बौखनाग को लेकर डोली यात्रा अयोध्या से उत्तरकाशी जिले के लिए प्रस्थान कर चुकी है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के भाटिया गांव के ग्राम देवता बाबा बौखनाग अयोध्या में मंदिर बनने के बाद से ही रामलला का दर्शन करने के इच्छुक थे।

बाबा बौखनाग देव समिति ने उनकी इच्छा का मान रखते हुए स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ उनकी डोली यात्रा निकाली। यात्रा में करीब 2000 स्थानीय ग्रामीण शामिल थे। बाबा की यात्रा लगभग साढ़े आठ सौ किमी चलकर बुधवार शाम छह बजे अयोध्या पहुंची थी।

इसे भी पढ़ें-लखनऊ सहित प्रदेश के कई जिलों में बारिश के आसार, जानिए आज कैसा रहेगा यूपी के मौसम का हाल

यात्रा में आए समिति के संरक्षक व मुख्य वजीर यशवंत रावत ने बताया कि रामनगरी पहुंचने पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय व सदस्य डा.अनिल मिश्र ने अगवानी की। इसके बाद ट्रस्ट ने बाबा बौखनाग व उनके साथ आए लोगों को मणि पर्वत के पास तीर्थक्षेत्र पुरम में रुकवाया।

बाबा बौखनाग को रामलला का दर्शन कराने के बाद खुशी में नृत्य करते डोली यात्रा में उत्तरकाशी जिले से आए लाेग: जागरण


पदाधिकारियों से मंत्रणा के बाद बाबा को रामलला का दर्शन कराने के लिए गुरुवार भोर में साढ़े तीन बजे का समय तय हुआ। दर्शनोपरांत उन्हें भोर में चार बजे मंगला आरती में भी शामिल होना था। ट्रस्ट ने नौ लोगों का पास भी बनवाया, लेकिन बाबा बौखनाग नहीं माने।

वह रात में ही दर्शन करना चाहते थे। इस पर देर शाम लगभग साढ़े सात बजे बाबा बौखनाग को रामलला का दर्शन करा दिया गया। डा.अनिल मिश्र ने बताया कि उत्तराखंड के ग्राम देवता व उनके साथ पहुंचे श्रद्धालुओं को विधिवत दर्शन-पूजन कराया गया।

सुरंग हादसे के समय बाबा की महिमा से परिचित हुआ था पूरा देश

बाबा बौखनाग की शक्ति से देशवासी उस समय परिचित हुए थे, जब नवंबर 2023 में काम करते समय सिलक्यारा सुरंग में लगभग 40 श्रमिक फंस गए थे। फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए उत्तराखंड सरकार व केंद्र सरकार ने देश ही नहीं, विदेश से भी बड़ी-बड़ी अत्याधुनिक मशीनें व इंजीनियरों को बुलाया था।

इसे भी पढ़ें-भाजपा विधायक ने कहा, पांच करोड़ में दिया गया मेरी हत्या का ठेका

तमाम तकनीक का प्रयोग कर फंसे हुए लोगों को निकालने का प्रयास हुआ था, लेकिन प्रतिदिन कोई न कोई अड़चन आती जा रही थी। तब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व राहत दल के प्रमुख ने बाबा बौखनाग की पूजा कर उन्हें मनाया था। इसी के बाद उनकी कृपा पर सभी लोग सकुशल बाहर आ सके थे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।