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Ayodhya News : अयोध्या जिला अस्पताल का बुरा हाल, डॉक्टरों का अकाल,- नहीं मिल रहा इलाज मरीज हो रहे बेहाल

बेहतर इलाज का दावा अस्पताल प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है लेकिन इस दावे और सच्चाई में बड़ा अंतर है। इसका अनुमान स्वीकृत चिकित्सकों के 46 पदों के सापेक्ष मौजूद 21 चिकित्सकों से लगाया जा सकता है जिसकी जानकारी लगातार अस्पताल प्रशासन की ओर से शासन को देने के बाद भी सिर्फ एक नियमित और एक संविदा पर तैनात फिजीशियन के कंधे पर पूरे अस्पताल की जिम्मेदारी है।

By Shab Deen Edited By: Mohammed Ammar Updated: Tue, 15 Oct 2024 10:43 PM (IST)
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एक संविदा पर तैनात फिजीशियन के कंधे पर पूरे अस्पताल की जिम्मेदारी है।
संसू, अयोध्या। चिकित्सकों के अकाल से जिला अस्पताल का बुरा हाल है। सुबह से मरीज लाइन लगाए खड़े रहते हैं, उन्हें समुचित इलाज नहीं मिल पाता है। रामनगरी के महत्वपूर्ण माने जाने वाले इस अस्पताल को स्वयं इलाज की आवश्यकता है। समस्या के समाधान के प्रति जिम्मेदारों के मुंह मोड़ने से मरीज मजबूरन फिजीशियन के बजाय मानसिक और सर्जन के स्थान पर नेत्र व स्किन के चिकित्सक से इलाज कराने को बेबस हैं।

अस्पताल में नहीं पर्याप्त डॉक्टर 

अस्पताल में पहुंच रहे मरीजों के बेहतर इलाज का दावा अस्पताल प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है, लेकिन इस दावे और सच्चाई में बड़ा अंतर है। इसका अनुमान स्वीकृत चिकित्सकों के 46 पदों के सापेक्ष मौजूद 21 चिकित्सकों से लगाया जा सकता है, जिसकी जानकारी लगातार अस्पताल प्रशासन की ओर से शासन को देने के बाद भी सिर्फ एक नियमित और एक संविदा पर तैनात फिजीशियन के कंधे पर पूरे अस्पताल की जिम्मेदारी है।

मरीज होते हैं परेशान

इसका खुलासा चार माह पूर्व महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को भेजे गये पत्र से हुआ है। पत्र में सीएमएस की तरफ से उन्हें चिकित्सकों के 24 पद खाली होने से चिकित्सा व्यवस्था सुचारू रूप से संपादित न हो पाने की जानकारी दी गयी है। इनमें फिजीशियन, चेस्ट फिजीशियन, रेडियोलाजिस्ट, चिकित्सा अधिकारी ब्लड बैंक, कार्डियोलाजिस्ट और निश्चेतक के दो-दो पद खाली बताए गए हैं।

इसके साथ बाल रोग विशेषज्ञ, जनरल सर्जन और अस्थि रोग विशेषज्ञ एक-एक, अति विशिष्ट विशेषज्ञ के पांच तथा इमरजेंसी मेडिकल अफसर के चार पद शामिल थे। इस बीच संविदा पर एक वर्ष के लिए तैनात सर्जन डा. ए अहमद खान की तरफ से मरीजों के साथ की गयी लापरवाही के चलते 30 सितंबर को उनका समय पूरा हाेने पर नवीनीकरण न करने से उनकी छ़ुट्टी हो गयी।

अब बचे दो सर्जन में मंगलवार को डा. वेद प्रकाश सिंह की इमरजेंसी ड्यूटी और डा. एके सिन्हा के अवकाश पर हाेने से ओपीडी की कुर्सी खाली रहती है। इसी तरह संविदा पर तैनात फिजीशियन डा. नानक शरन के अवकाश पर रहने से डा. प्रशांत द्विवेदी दोनों चिकित्सकों के वार्डों में भर्ती मरीजों का हालचाल लेने में लगे रहे। समय लगने से मरीजों का मानसिक, त्वचा और होम्योपैथिक के चिकित्सक से उपचार कराया गया।

अस्पताल में जितने चिकित्सक हैं, उनसे मरीजों को समय से इलाज दे रहे हैं। प्रशासन की तरफ से कुछ चिकित्सकों को भर्ती किया गया है, जिससे अनुमान है कि यहां भी मिल जाएंगे।

डा. उत्तम कुमार, प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक

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