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CBI ने खंगाला अयोध्या कैंटोनमेंट बोर्ड का ऑफ‍िस, ठेकों के आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों का मामला

Ayodhya News वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोपों से घि‍रे अयोध्या छावनी परिषद की जांच के ल‍िए एक व‍िशेष टीम पहुंची। सूत्रों का कहना है कि विशेष टीम में सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच व रक्षा संपदा मुख्यालय के अधिकारी शामिल थे। जांच टीम ने कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए जिनके आधार पर आगे की पड़ताल की जा रही है।

By Alok Mishra Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 06 Sep 2024 11:00 AM (IST)
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विशेष जांच टीम ने गुरुवार को छावनी परिषद कार्यालय में दिनभर पड़ताल की।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

जागरण संवाददाता, अयोध्या। अयोध्या छावनी परिषद में वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोपों की जांच शुरू की गई है। एक विशेष जांच टीम ने गुरुवार को छावनी परिषद कार्यालय में दिनभर पड़ताल की और कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। जिनके आधार पर आगे की पड़ताल की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि विशेष टीम में सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच व रक्षा संपदा मुख्यालय के अधिकारी शामिल थे।  छानबीन दौरान छावनी परिषद के कर्मियों से कई बिंदुओं पर सवाल-जवाब भी किए गए।

विशेष टीम के पहुंचने के बाद कार्यालय के दोनों गेट बंद कर दिए गए थे। इसके बाद देर शाम तक पड़ताल की गई। वर्ष 2022-23 में ठेकों में गड़बड़ी व कुछ अन्य वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत पर विशेष टीम जांच के लिए पहुंची थी।

सपा नेता ने लगाए थे गंभीर आरोप

बीते दिनों सपा नेता व पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने पत्रकार वार्ता कर छावनी परिषद के अधिकारियों पर अनियमितता का आरोप लगाया था। पूर्व सभासद अमरजीत निषाद व स्थानीय निवासी सपा नेता राहुल यादव पिंटू की शिकायत पर उन्होंने यह आरोप लगाए थे। अमरजीत निषाद ने जनसूचना अधिकार के माध्यम से कई जानकारियां जुटाई हैं। शिकायतकर्ताओं ने मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय व रक्षा मंत्रालय से की थी।

आरोप है कि वर्ष 2022 से 2023-24 के मध्य निकले टेंडरों में गड़बड़ी की गई। कूटरचित अनुभव व चरित्र प्रमाण पत्र के आधार पर कुछ फर्मों को 15 करोड़ रुपये से अधिक का ठेका दे दिया गया था। आरोप है कि ठेका आवंटन में कई फर्जी दस्तावेज प्रयोग किए गए। जिस कंप्यूटर सिस्टम से टेंडर जारी किए गए, उसी कंप्यूटर सिस्टम से टेंडर दाखिल भी किए गए।

आरोपों के बाद छावनी परिषद के तत्कालीन मुख्य अधिशासी अधिकारी यशपाल सिंह का स्थानांतरण कर दिया गया था। वर्तमान में जिज्ञासा राज मुख्य अधिशासी अधिकारी हैं।

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