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भगवान राम से जुड़े पर्वों पर अवकाश घोषित करने की तैयारी में केंद्र सरकार, धर्माचार्यों से निकलवाई जा रही तिथियां

Ayodhya Ram Mandir केंद्र सरकार श्रीराम से जुड़े पर्वों पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार के दूत श्रीराम की विरासत एवं परंपरा के मर्मज्ञ चुनिंदा धर्माचार्यों से भेंट कर श्रीराम के जीवन प्रसंग से जुड़ी निर्णायक तिथियां संकलित कर रहे हैं। भगवान राम द्वारा लंका पर विजय हासिल कर अयोध्या लौटने की खुशी में दीपवाली पर्व के लिए पहले ही अवकाश घोषित...

By Raghuvar SharanEdited By: riya.pandeyUpdated: Tue, 05 Dec 2023 07:51 PM (IST)
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भगवान राम से जुड़े पर्व पर होगा अवकाश!
रघुवरशरण, अयोध्या। Ayodhya Ram Mandir: राममंदिर निर्माण और उसमें रामलला का विग्रह स्थापित करने की तैयारियों के बीच श्रीराम को विविध आयामों में शिरोधार्य करने का प्रयास किया जा रहा है। श्रीराम को शिरोधार्य करने के इस अभियान में साधु-संत, आम रामभक्त, विहिप, आरएसएस, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सहित केंद्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।

इसी क्रम में केंद्र सरकार श्रीराम से जुड़े पर्वों पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार के दूत श्रीराम की विरासत एवं परंपरा के मर्मज्ञ चुनिंदा धर्माचार्यों से भेंट कर श्रीराम के जीवन प्रसंग से जुड़ी निर्णायक तिथियां संकलित कर रहे हैं।

दीपावली पर पहले ही राष्ट्रीय अवकाश है घोषित

यद्यपि चैत्र शुक्ल नवमी के दिन ‘राम जन्मोत्सव’, क्वार शुक्ल दशमी के दिन श्रीराम द्वारा रावण के वध का पर्व ‘विजय दशमी’ एवं कार्तिक अमावस्या के दिन लंका विजय के बाद श्रीराम के अयोध्या लौटने पर उल्लास का पर्व ‘दीपावली’ पहले ही राष्ट्रीय अवकाश घोषित है।

समझा जाता है कि इस दिशा में नए अभियान के तहत अगहन शुक्ल पंचमी को पड़ने वाले सीता-राम विवाहोत्सव की तिथि भी राष्ट्रीय अवकाश के रूप में शिरोधार्य हो सकती है। श्रीराम के साथ रामनगरी को शिरोधार्य करने वाले महापर्व चौदहकोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा के अवसर पर भी राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर सरकार श्रीराम के प्रति अदम्य आस्था का परिचय दे, तो कोई आश्चर्य नहीं।

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रामनगरी की 14 कोसी परिक्रमा कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन तथा पंचकोसी परिक्रमा कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन होती है। रामलला के विग्रह की स्थापना (22 जनवरी 2024) एवं राममंदिर के भूमि पूजन (पांच अगस्त 2020) की भी तारीख श्रीराम की विरासत से जुड़े संभावित अवकाशों की सूची में शामिल किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ...और यह तारीख तो श्रीराम के प्रति आस्था के साथ सरकार और उसके शीर्ष प्रतिनिधि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐतिहासिक प्रयासों की परिचायक भी है।

‘अधिक सुगमता से प्रशस्त होगी राम राज्य की संभावना’

सरकार के दूत संभावित अवकाश के संदर्भ में जिन चुनिंदा धर्माचार्यों के संपर्क में हैं, उनमें प्रतिष्ठित रामकथा मर्मज्ञ जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य भी शामिल हैं। वह सरकार के ऐसे प्रयास का स्वागत करते हुए कहते हैं, श्रीराम और उनकी जीवन यात्रा से संबद्ध सारी तिथियां लोक मानस में स्थापित होनी ही चाहिए और ऐसा होने से आदर्श समाज की स्थापना से लेकर राम राज्य की संभावना कहीं अधिक सुगमता से प्रशस्त होगी।

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