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राम मंदिर के गर्भगृह से पानी टपकने के मामले पर चंपतराय ने दी सफाई, बोले- बिजली वायरिंग के कारण हुई थी समस्या

राम मंदिर के गर्भगृह परिसर में पानी टपकने का मामला गरमाया तो रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय ने आधिकारिक बयान जारी कर सभी बयानों पर विराम लगा दिया है। चंपतराय ने कहा राम मंदिर के गर्भगृह में छत से एक भी बूंद पानी नहीं टपका है और न ही किसी अन्य जगह से गर्भगृह में पानी घुसा है। उन्होंने बताया जो पानी दिखा वह बिजली वायरिंग के कारण था।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Published: Thu, 27 Jun 2024 08:10 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2024 08:29 AM (IST)
राम मंदिर के गर्भगृह में मौजूद रामलला की मूर्ति

जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने स्पष्ट किया है कि राम मंदिर के गर्भगृह में छत से एक बूंद भी पानी नहीं टपका है और न ही किसी अन्य ओर से गर्भगृह में पानी घुसा है। उनकी ओर से जारी बयान में बताया गया कि जो भी पानी छत से गिरता प्रतीत हुआ, वह मंदिर के भूतल की छत की बिजली वायरिंग के कारण था।

चंपतराय के बयान में इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया गया है कि पत्थरों से बनने वाले मंदिर में पीवीसी इलेक्ट्रिक कंड्युट पाइप एवं जंक्शन बाक्स का कार्य पत्थर की छत के ऊपर होता है। इसको छत में छेद करके नीचे उतारा जाता है, जिससे मंदिर के भूतल की छत की लाइटिंग होती है।

पीवीसी इलेक्ट्रिक कंड्युट पाइप एवं जंक्शन बॉक्स फ्लोरिंग के दौरान वाटर टाइट करके सतह में छिपाई जाती है। चूंकि, प्रथम तल पर बिजली, वाटर प्रूफिंग एवं फ्लोरिंग का कार्य प्रगति पर है, अतः सभी जंक्शन बाक्स में बरसात का पानी जमा हो गया, वही पानी कंड्यूट के सहारे भूतल पर गिरा। ऊपर देखने पर प्रतीत हो रहा था कि छत से पानी टपक रहा है। वायरिंग का कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा और तब छत टपकने का सवाल ही नहीं है।

अस्थायी निर्माण से ढका गया गूढ़ मंडप

गर्भगृह के सम्मुख बनने वाला गूढ़ मंडप अभी निर्माणाधीन है और उसकी छत दूसरे तल का निर्माण पूर्ण होने के साथ शिखर के रूप में ढाली जानी है। तथापि श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर गूढ़ मंडप को प्रथम तल पर ही अस्थाई निर्माण से ढका गया है।

परिसर में रीचार्ज पिट्स के काम ने भी पकड़ी गति

चंपतराय ने बयान में बरसात के पानी की निकासी के प्रबंध की जानकारी भी दी है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में कार्य प्रगति पर है। मंदिर एवं परकोटा परिसर में कहीं भी जलभराव की स्थिति नहीं होगी। बरसात का पानी समायोजित करने के लिए रामजन्मभूमि परिसर में रिचार्ज पिट्स का भी निर्माण कराया जा रहा है।

चंपतराय ने यह भी बताया कि राम मंदिर सहित संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर का निर्माण एवं विकास एलएंडटी एवं टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर्स सहित मंदिर निर्माण के क्षेत्र में पीढ़ियों से प्रतिष्ठित चंद्रकांत सोमपुरा के पुत्र आशीष सोमपुरा व अनुभवी शिल्पकारों की देखरेख में हो रहा है। ऐसे में निर्माण की गुणवत्ता में दूर-दूर तक किसी कमी की आशंका नहीं है।

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