Ayodhya: अभी वैकल्पिक गर्भगृह में ही विराजमान हैं हनुमानजी, नियमित विधि-विधान से की जी रही पूजा-अर्चना
प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमानजी अभी वैकल्पिक गर्भगृह में ही विराजमान हैं। उनकी नियमित विधि-विधान से पूजा-अर्चना होती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इनकी सेवा के लिए दो नए सहायक पुजारियों को नियुक्त कर रखा है। सूत्रों के अनुसार नवनिर्मित राम मंदिर के परकोटे में बनने वाले हनुमान मंदिर में इस मूर्ति को भी प्रतिस्थापित किया जाएगा।
लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमानजी अभी वैकल्पिक गर्भगृह में ही विराजमान हैं। उनकी नियमित विधि-विधान से पूजा-अर्चना होती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इनकी सेवा के लिए दो नए सहायक पुजारियों को नियुक्त कर रखा है।
सूत्रों के अनुसार नवनिर्मित राम मंदिर के परकोटे में बनने वाले हनुमान मंदिर में इस मूर्ति को भी प्रतिस्थापित किया जाएगा। मंदिर अगले वर्ष मार्च तक बनना है। तब तक वैकल्पिक गर्भगृह में ही उनकी आराधना कराई जा रही है।
खोदाई में हनुमानजी की छोटी एक मूर्ति भी मिली थी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम ने वर्ष 2003 में उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के आदेश पर अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर की खोदाई कराई थी। तत्समय खोदाई में हनुमानजी की छोटी एक मूर्ति भी मिली थी, जिसे विधिपूर्वक अस्थायी राम मंदिर (टेंट में) में रामलला के समीप ही प्रतिष्ठित किया गया था। तबसे प्रभु श्रीराम के साथ हनुमानजी की भी नियमित पूजा होने लगी।पुरानी मूर्तियों को भी गर्भगृह में स्थापित
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद जब वर्ष 2019 में राम मंदिर बनना शुरू हुआ तो अस्थायी मंदिर में रखीं रामलला की मूर्तियों को वैकल्पिक गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया गया तो हनुमानजी की मूर्ति भी ले जाई गई। नवनिर्मित मंदिर ने जब आकार ले लिया तो 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत नई प्रतिमा के साथ रामलला की पुरानी मूर्तियों को भी गर्भगृह में स्थापित किया गया, परंतु हनुमान जी की वह मूर्ति अभी भी वैकल्पिक गर्भगृह में ही प्रतिष्ठित है, जो खोदाई में मिली थी।
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