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Ram Mandir: रामलला के अनुरूप पुजारी भी होंगे गरिमामय, प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में तैनात होगी भूमि पूजन से दोगुनी फोर्स

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अभेद्य सुरक्षा कवच तैयार करने की कई स्तर पर कवायद चल रही है। रामनगरी में स्थानीय लोगों के साथ ही किराएदारों का सत्यापन आरंभ हो गया है। विशेष रूप से वीवीआइपी आवागमन मार्ग पर निवास करने वालों का विवरण एकत्र किया जा रहा है। पीएम मोदी को 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आना है।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Sat, 02 Dec 2023 06:14 AM (IST)
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पीएम मोदी को 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आना है

 प्रवीण तिवारी, अयोध्या। अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर की तरह ही रामलला की पूजा-अर्चना में तैनात होने वाले पुजारी भी यहां की परंपरा व पूजा पद्धति के वैश्विक नायक के रूप में होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पुजारी पद पर आवेदन करने वालों को इस तरह प्रशिक्षित करने की योजना बना रहा है, जिससे उनका समग्र विकास हो सके। इन दिनों इसके लिए गठित ट्रस्ट की उप समिति रूपरेखा बनाने में जुटी है।

आवेदकों की पांत से अभी तक उन आचार्यों की खोज हो रही थी, जिनकी अर्हता प्रशिक्षण के योग्य हो। यह कार्य लगभग पूरा हो गया है। कुल 20 आवेदकों को प्रशिक्षु के लिए योग्य पाया गया है। इन सभी को रामकोट में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस स्थल की तलाश भी पूरी हो गई है, यह राम मंदिर के निकट है।

मुख्य आचार्य अयोध्या के ही होंगे

दिन में कई सत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसमें उनके नित्याराधन, योग व्यायाम, पाठ्यचर्या अभ्यास के अलावा नित्य एक विशेष सत्र आयोजन करने की योजना है, जिससे प्रशिक्षुओं का चेतना के स्तर पर भी विकास हो सके। प्रशिक्षण के लिए आचार्यों की सूची भी तैयार है। मुख्य आचार्य अयोध्या के ही होंगे। समय-समय पर इन प्रशिक्षुओं को विभिन्न आयामों जैसे भाषा, संवाद, संपूर्ण पूजा पद्धति आदि में कुशल बनाने के लिए देश के नामचीन विशेषज्ञों से भी प्रशिक्षित कराया जाएगा।

प्रशिक्षण के लिए तीन हजार आचार्यों ने आवेदन किया था। पहले चरण में 250 आवेदकों को शार्ट लिस्ट किया गया। इस प्रशिक्षण के लिए देश के विभिन्न प्रांतों के आचार्यों ने आवेदन किया था। उप समिति के सदस्यों ने इस सभी के व्यावहारिक पक्ष व आचार्य होने की दक्षता को परखा। इसमें से 20 को चुना गया है, जिनका प्रशिक्षण इसी माह प्रारंभ होगा। प्रशिक्षण की अवधि छह माह की होगी।

प्रशिक्षु पुजारियों की दिनचर्या पूर्ण नियोजित होगी। सुबह ध्यान, योग, जप, आदि का समय भी नियत होगा। प्रशिक्षण में रामलला का सुबह जागरण कराने से लेकर रात्रि शयन तक का पूरा विधान इन प्रशिक्षुओं को बताया जाएगा। इस उप समिति के सदस्य हनुमत निवास के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद परीक्षा के आधार पर पुजारियों का चयन किया जाएगा।

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में तैनात होगी भूमि पूजन से दोगुनी फोर्स

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अभेद्य सुरक्षा कवच तैयार करने की कई स्तर पर कवायद चल रही है। रामनगरी में स्थानीय लोगों के साथ ही किराएदारों का सत्यापन आरंभ हो गया है। विशेष रूप से वीवीआइपी आवागमन मार्ग पर निवास करने वालों का विवरण एकत्र किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आना है। देश-विदेश के भी विशिष्टजन अतिथि रूप में शामिल होंगे।

इसी कारण सुरक्षा व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती है। रामजन्मभूमि की स्थायी सुरक्षा समिति की गत दिनों हुई बैठक में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारी ही चर्चा के केंद्र में रही। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पांच अगस्त, 2020 को भूमि पूजन में करीब चार से पांच हजार सुरक्षा कर्मी तैनात थे।

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प्राण प्रतिष्ठा में दोगुनी फोर्स तैनात रहेगी

प्राण प्रतिष्ठा में इससे दोगुनी फोर्स तैनात रहेगी। दस कंपनी पीएसी व छह कंपनी से अधिक पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात करने की आवश्यकता समझी जा रही है। अतिरिक्त फोर्स की डिमांड को लेकर पत्रावली तैयार हो रही है। बड़ी संख्या में उपलब्ध होने वाली अतिरिक्त फोर्स के आवासीय प्रबंध की भी चुनौती होगी। छह दिसंबर के बाद इस दिशा में प्रयास होगा।

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