'...वर्ना कौन आता तेरे दर पर तमाशा करने', अयोध्या जिला अस्पताल में आए दिन मरीजों के साथ मारपीट
Ayodhya News अयोध्या जिला अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों के साथ मारपीट की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिनमें सुरक्षा गार्ड और कर्मचारी मरीजों और तीमारदारों से बदसलूकी व उनके साथ मारपीट कर रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने गार्डों को प्रशिक्षण देने का फैसला किया है।
प्रमोद दुबे, अयोध्या। एक दर्द था चला आया वर्ना कौन आता तेरे दर पर तमाशा करने। किसी शायर की यह पंक्तियां जिला अस्पताल की वर्तमान परिस्थितियों पर सटीक बैठती हैं। बीमारी से पीड़ित जिला अस्पताल पहुंचे लोगों को यहां सहानभूति की जगह अपमान का घूंट पीना पड़ रहा है। हाल ही में घटित अस्पताल की घटनाएं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।
राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां आने वाले श्रद्धालु व स्थानीय नागरिकों के साथ सद्व्यवहार का प्रशिक्षण पुलिस को तो दिया गया लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों को इससे दूर रखा गया। यह प्रशिक्षण उन्हें मिलना नितांत आवश्यक है।
जिला अस्पताल में काफी संख्या में मरीजों का आना लगा रहता है, लेकिन जिस इलाज के मकसद से वे पहुंचते हैं उसमें से तमाम लोगों को अपमान और मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है। इसका अनुमान सुरक्षा गार्डों और कर्मचारियों की तरफ से की जा रही मारपीट की घटनाओं तथा मुकदमो से लगाया जा सकता है।
गत वर्ष दो अगस्त को एक भाजपा नेता के भाई के इलाज में लापरवाही को लेकर तीमारदार और चिकित्सक के बीच हाथापाई हुई, जिसके बाद पूरे परिसर में मरीज व तीमारदार को दौड़ा कर पीटा गया। इसके बाद पुलिस ने उन्हीं पीड़ितों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया। इसी तरह सात अगस्त को 14 नंबर ओपीडी में एक मरीज की किसी बात को लेकर गार्ड से नोकझोंक हो गयी। गार्डों ने उसकी पिटाई कर दी।
तीमारदार और गार्ड के बीच हुई हाथापाई
तीसरा प्रकरण दिसंबर माह में दवा काउंटर के सामने भीड़ के बीच पहले दवा लेने के चक्कर में एक अधेड़ तीमारदार और गार्ड के बीच हाथापाई का है। गार्डों ने तीमारदार को लाठियों से जमकर पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया। नया प्रकरण रविवार की रात का है। तीमारदार अर्जुन यादव और स्टाफ नर्स के बीच विवाद में मुकदमा पंजीकृत कराया गया। पुलिस ने तीमारदार को गिरफ्तार कर लिया।यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि मंगलवार को आइसीयू वार्ड में भर्ती मरीज राहुल तिवारी द्वारा स्टाफ नर्स से कथित अभद्रता के मामले में गार्डों और कर्मचारियों ने पहले पीटा उसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया। इस कार्यवाही के बाद से अस्पताल के अन्य तीमारदार सवाल कर रहे हैं कि एक गलती की दो सजा क्यों दी जा रही है। पहले पिटाई और बाद में पुलिस को सौंपना कहां तक न्यायसंगत है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।