अयोध्या में सियासी उठापटक पर आस्था भारी, रोजाना लाखों श्रद्धालु कर रहे हैं दर्शन; दर्शनार्थियों में VVIP's भी शामिल
फैजाबाद संसदीय क्षेत्र में बीजेपी की करारी हार के बाद से अयोध्यावासी इंटरनेट पर पार्टी विशेष समर्थकों के निशाने पर आ गए थे। तमाम तरह की उलाहनाओं के बीच रामनगरी में आस्था की दृढ़ता कायम रही। श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला पूर्ववत ही जारी है इतना ही नहीं देश-विदेश से आने वाले VIPs की संख्या में भी कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है।
प्रहलाद तिवारी, जागरण अयोध्या। लोकसभा चुनाव में रामनगरी को समेटे फैजाबाद संसदीय क्षेत्र में भाजपा की हार के बाद इंटरनेट मीडिया सहित तमाम संचार माध्यमों से अयोध्यावासियों को सतत घेरा जा रहा है।
अयोध्यावासी तीखी टिप्पणों, उलाहना का दंश झेल रहे हैं, लेकिन इन शब्दवाणों से न तो भक्त और न ही यहां के निवासी विचलित हैं। यहां नित्य ही भक्तों की आस्था व समर्पण का दर्शन होता है।
देश के कोने-कोने से भक्त आ रहे हैं। इसमें न सिर्फ सामान्य भक्त रामलला का दर्शन कर निहाल हो रहे हैं बल्कि विशिष्टजन का अनुराग भी पूर्ववत व अपूर्व है।
लोस चुनाव के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सहित कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री व लोकसभा अध्यक्ष, मंत्री व सांसद विधायक का आगमन हुआ था। अभी भी ये क्रम जारी है।लोकसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद आठ जून को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा अपने 11 सांसदों के साथ रामनगरी पहुंचे। प्रभु की पूजा अर्चना की।
सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी अपनी कैबिनेट के साथ रामलला की चौखट पर अपनी आस्था निवेदित की। उनका स्वागत करने महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचे प्रदेश सरकार के खाद्य व रसद राज्यमंत्री सतीश शर्मा कहते हैं कि अयोध्या में कभी युद्ध नहीं हुआ।
सनातन धर्मावलंबियों की आस्था केंद्र हमेशा रही। जब तक सूर्य, चंद्रमा व तारे रहेंगे, यहां आस्था का प्रकटीकरण भी नित्य प्रति प्रगाढ़ होता चला जाएगा। वह कहते हैं अयोध्या बीजेपी के लिए आस्था का केंद्र है।यह भी पढ़ें: Ram Mandir: 'राम मंदिर के गर्भगृह में टपक रहा बरसात का पानी', मुख्य पुजारी के दावे पर निर्माण समिति ने दिया स्पष्टीकरण
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