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'लश्कर-ए-तैयबा हो या इनके अब्बा...' Ram Mandir उड़ाने की धमकी पर पूर्व डिप्टी CM की प्रतिक्रिया; Owaisi को भी घेरा

पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने राम मंदिर को उड़ाने की धमकी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लश्करे तैयबा हो जैश ए मोहम्मद या इनके अब्बा हों। यहां आतंकवादी आएंगे तो सुरक्षा बलों की गोलियों का शिकार बनेंगे। इस दौरान उन्होंने ओवैसी को भी घेरा। सुझाव दिया कि ओवैसी को हिंदुओं के धर्म ग्रंथों को पढ़ना चाहिए आरएसएस के इतिहास को जानना चाहिए।

By Raghuvar Sharan Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 15 Jun 2024 07:19 PM (IST)
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Ram Mandir उड़ाने की धमकी पर पूर्व डिप्टी CM की प्रतिक्रिया

जागरण संवाददाता, अयोध्या। पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिनेश शर्मा ने राम मंदिर को उड़ाने की धमकी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि धमकी देने वाले न भूलें कि यह मोदी और योगी का युग है। लश्कर-ए-तैयबा हो, जैश ए मोहम्मद या इनके अब्बा हों। यहां आतंकवादी आएंगे तो सुरक्षा बलों की गोलियों का शिकार बनेंगे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर उड़ाने की धमकी देने वाले जहन्नुम जाने को तैयार रहें।

इस दौरान उन्होंने एआइएमआइएम के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि तीसरी बार मोदी सरकार बनने के साथ मुस्लिमों पर हमले बढ़ गए हैं। शर्मा ने कहा, हिंदुओं से कभी भी किसी को खतरा नहीं हो सकता, हिंदू कभी आतंकवादी नहीं होता और आतंकवादी कभी हिंदू नहीं हो सकता।

दिनेश शर्मा ने ओवैसी को दिया सुझाव

उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि ओवैसी को हिंदुओं के धर्म ग्रंथों को पढ़ना चाहिए, आरएसएस के इतिहास को जानना चाहिए। शर्मा ने आरएसएस को भारत की आत्मा बताया और कहा कि आत्मा राष्ट्र का निर्माण चाहती है विध्वंस नहीं, राष्ट्र के विध्वंस की भावना ओवैसी जैसे लोगों की हो सकती है, आरएसएस की नहीं। पूर्व उप मुख्यमंत्री शुक्रवार को रामनगरी में थे।

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उन्होंने महंत नृत्यगोपालदास के जन्मोत्सव में हिस्सा लेने के साथ रामकथा संकुल में योगवीर सम्मान समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर शर्मा ने कहा कि योग शरीर को स्वस्थ रखने के साथ सारे अंगों को क्रियाशील रखता है। योग साधना के बल पर लक्ष्मण वनवास के दौरान एक क्षण न सोकर श्रीराम -सीता की सेवा करते रहे। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने आयुर्वेद के चमत्कारी प्रभाव को विश्व में पहुंचाया।

सामान्य भारतीय आयुर्वेद के मनीषियों की चर्चा तो करते हैं, किंतु चिकित्सा के समय आयुर्वेद का उस रूप में प्रयोग नहीं करते जैसा किया जाना चाहिए। रामदेव के योग ने न केवल विश्व में योग की महत्ता को जन जन तक पहुंचाया बल्कि विश्व के तमाम लोग योग को अपनाकर अपने जीवन को बेहतर बना रहे है।

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