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Ram Mandir: उड़ीसा से लेकर राजस्थान तक.... इन 200 कंपनियों ने प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तैयार किया था राम मंदिर

Ram Mandir 22 जनवरी वो दिन था इंतजार लोगों को लंबे समय से था। 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम विराजमान हुए थे। अयोध्या में बने राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा हुई और रामलला अपनी नगरी में विराजमान हो गए ते। इस भव्य मंदिर को प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तैयार करने में करीब दो सो फर्मों ने काम किया था। हैदराबाद से लेकर गाजियाबाद तक की कंपनियों ने अहम भूमिका निभाई थी।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Wed, 07 Feb 2024 01:46 PM (IST)
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200 कंपनियों ने प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तैयार किया था राम मंदिर
प्रवीण तिवारी, अयोध्या। राम मंदिर को प्राण प्रतिष्ठा के योग्य बनाने के लिए भागीरथ प्रयास हुआ। इसमें कार्यदायी संस्था एलएंडटी के अतिरिक्त लगभग दो सौ फर्मों (वेंडरों) ने मिल कर कार्य किया, तब जाकर यह निर्धारित अवधि में तैयार हो सका। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की रणनीति भी निर्माण की गति को प्रेरित करने वाली रही।

इसी का परिणाम रहा कि रामलला नव्य व भव्य मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित हैं। लाखों भक्त नित्य दर्शन कर निहाल हो रहे हैं। मंदिर निर्माण को कई हिस्सों में विभाजित किया गया था। एक साथ कई कार्य भी चल रहे थे।

इन कंपनियों ने निभाई अहम भूमिका

राम मंदिर के दरवाजों का निर्माण हैदराबाद की अनुराधा टिंबर और इस पर स्वर्ण मंडन गाजियाबाद की फर्म ने किया। इसके अलावा बेंगलुरु की शंकर इलेक्ट्रिकल ने बिजली के उपकरण लगाए। हैवेल्स ने मंदिर में बल्ब लगाए।

उड़ीसा से लेकर राजस्थान की कंपनी ने किया काम

बिजली के ही पैनल को सीमेंस नाम की फर्म ने इंस्टॉल किया। सिग्निफाई कंपनी ने परकोटे के क्षेत्र को प्रकाशित किया। इसके अतिरिक्त पत्थरों पर गढ़ाई उड़ीसा की एक फर्म ने की। प्लिंथ तैयार करने के लिए एक अलग वेंडर था। नौ वेंडरों ने राजस्थान के सिरोही में पत्थरों को गढ़ कर अयोध्या पहुंचाया। श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भिन्न-भिन्न वेंडर थे।

इस साल के अंत कर मंदिर का पूर्ण निर्माण है लक्ष्य

टाटा कंसल्टेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर वीके शुक्ला ने बताया कि मंदिर निर्माण समिति की गत दो दिनों चली बैठक में आगे के निर्माण कार्य पर मंथन किया गया। इसी वर्ष के अंत तक मंदिर को पूर्ण रूप से निर्मित करने का लक्ष्य है। बताया कि लगभग दो सौ वेंडरों ने मंदिर निर्माण के महायज्ञ में अपनी-अपनी आहुति डाली।

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