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गाय के गोबर से नहाएंगे प्राण प्रतिष्ठा के यजमान… गोमूत्र, दही-घी समेत 10 प्रकार के स्नान के बाद करेंगे अनुष्ठान

सौभाग्यशाली डाॅ. अनिल मिश्र व उनकी पत्नी उषा मिश्रा प्रथम यजमान के रूप में मंगलवार से भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान पर बैठेंगे। आगामी 22 जनवरी तक यजमान करीब 50 वैदिक प्रक्रियाओं के सहगामी बनेंगे। अनुष्ठान का प्रारंभ यजमान के स्नान से होगा। यजमान डॉ. मिश्र को शुद्धोदक (सरयू जल) के साथ गाय के दूध दही घी गोबर गोमूत्र भस्म कुशोदक (कुश मिश्रित जल) पंचगव्य से स्नान करेंगे।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 16 Jan 2024 06:30 AM (IST)
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दूधिया प्रकाश से आलोकित दिव्य भव्य राम मंदिर। सौ. से रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट
नवनीत श्रीवास्तव, अयोध्या। पांच सदी और डेढ़ अरब लोगों में सबसे सौभाग्यशाली डाॅ. अनिल मिश्र व उनकी पत्नी उषा मिश्रा प्रथम यजमान के रूप में मंगलवार से भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान पर बैठेंगे। आगामी 22 जनवरी तक यजमान करीब 50 वैदिक प्रक्रियाओं के सहगामी बनेंगे। अनुष्ठान का प्रारंभ यजमान के स्नान से होगा।

यजमान डॉ. मिश्र को शुद्धोदक (सरयू जल) के साथ गाय के दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र, भस्म, कुशोदक (कुश मिश्रित जल), पंचगव्य से स्नान करेंगे। गोबर ने उनका दो बार स्नान होगा। दोपहर डेढ़ बजे उन्हें स्नान के लिए ले जाया जाएगा। 

बदला रहेगा आहार-व्यवहार

पंचगव्य के प्राशन (चखने) से उनका व्रत आरंभ हो जाएगा। विशेष बात यह है कि यजमान का आहार-व्यवहार पूर्णतया बदला हुआ रहेगा। उनका खान-पान, वस्त्र आदि भी शास्त्र सम्मत होगा। मंगलवार शाम चार बजे रामघाट स्थित विवेक सृष्टि ट्रस्ट परिसर में रखी रामलला की प्रतिमा का कर्मकुटी संस्कार होगा। 

विशेष बात यह है कि मूर्तिकार अरुण योगीराज भगवान की प्रतिमा समर्पित करने से पहले आचार्यों से प्रतिमा को अंतिम रूप देख कर आग्रह करेंगे कि यदि कोई कमी हो तो तो वह अभी उसे दूर कर सकते हैं। यह प्रक्रिया शास्त्रों में निहित है। इसलिए इसका पालन किया जाएगा। 

सरयू जल से भगवान को स्नान

भगवान काे सरयू जल से स्नान कराया जाएगा। इसके बाद यजमान और आचार्य गण भगवान के नेत्रों पर पट्टी बांधेंगे, जिसे 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खोलेंगे। राम जन्मभूमि परिसर में अनुष्ठान आरंभ होने के साथ यजमानों की संख्या और बढ़ेगी।

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