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जैसे अयोध्या में हुआ उसी तरह काशी और मथुरा में भी… दीपोत्सव में सीएम योगी ने कह दी बड़ी बात

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव के उद्घाटन सत्र में सनातन धर्म एवं संस्कृति के विरोधियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले लोग अब अयोध्या के विकास में बाधा बन रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प लिया और काशी विश्वनाथ एवं कृष्णजन्मभूमि विवाद के समाधान की ओर इशारा किया।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 30 Oct 2024 09:37 PM (IST)
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मुख्यमंत्री ने इशारों में समाजवादी पार्टी पर हमला बोला।
रघुवरशरण, अयोध्या। सनातन धर्म एवं संस्कृति के विरोधियों की माफिया जैसी दुर्गति होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामकथा पार्क के मंच से यह चेतावनी दी। आठवें दीपोत्सव के उद्घाटन सत्र में वह श्रीराम के स्वरूप का राज्याभिषेक करने के बाद विचार व्यक्त कर रहे थे। 

पुण्य सलिला सरयू के तट पर स्थित राम कथा पार्क में संतों और राम भक्तों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने इशारों में समाजवादी पार्टी पर हमला बोला। कहा, रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले लोग आज अयोध्या के विकास में बैरियर बन रहे हैं। मुख्यमंत्री इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि यह लोग अयोध्या सहित भांति-भांति के बहानों से सनातन धर्म के मार्ग में बैरियर बन रहे हैं और हमें यह बैरियर भी हटाने हैं।

सनातन धर्म ने किसी का अहित नहीं किया

उन्होंने सनातन धर्म एवं संस्कृति पर प्राय: की जाने वाली टीका-टिप्पणी को अवांछित करार देते हुए याद दिलाया कि सनातन धर्म ने किसी का अहित नहीं किया, सभी को गले लगाया। विपत्ति के समय सारी दुनिया के लोगों की सहायता की, किंतु सेक्युलरिज्म की राजनीति करने वाले सनातन धर्म पर बार-बार सवाल खड़ा कर भारत की आत्मा को लहूलुहान करना चाहते हैं। 

मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म का प्रबल प्रतिनिधि होने का विश्वास दिलाते हुए कहा कि हम ऐसा नहीं होने देंगे। सनातन धर्म के मार्ग में बाधा पहुंचाने वालों को मिटाए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे। इस दिशा में स्वयं के संकल्प को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम।

काशी विश्वनाथ और कृष्णजन्मभूमि के समाधान की ओर इशारा

मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में राम मंदिर की ही तर्ज पर काशी विश्वनाथ और कृष्णजन्मभूमि विवाद के समाधान की ओर इशारा किया। अयोध्या में मंदिर निर्माण और श्रेष्ठतम सांस्कृतिक नगरी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, यह शुरुआत है और जैसे अयोध्या में हुआ, उसी तरह काशी और मथुरा में भी होना चाहिए।

प्रधानमंत्री को बताया रामराज्य का संवाहक

मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों को प्रेरक और सराहनीय बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने 2014 में रामराज्य की भावना के अनुसार शासन प्रारंभ किया। रामराज्य की ही भावना के अनुरूप उनके शासन में आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के 70 वर्ष से अधिक के सभी बुजुर्गों का पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा, चार करोड़ गरीबों को मकान, 10 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर, 12 करोड़ गरीबों को मुफ्त शौचालय तथा 80 करोड़ लोगों को कोरोना संकट से लेकर वर्तमान तक मुफ्त राशन दिया जाना संभव हुआ है।

‘रामनगरी की संभावनाओं का अंत नहीं’

32 हजार करोड़ की लागत से श्रेष्ठतम सांस्कृतिक नगरी के रूप में संवर रही अयोध्या की संभावनाओं का अंत इतने पर ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पहले से निर्धारित परियोजनाओं का कार्य हो चुका है या पूर्णता की ओर है, किंतु इससे भी आगे जाकर कार्य होना है। यह शुरुआत भर है।

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