Lok Sabha Election 2024: हिंदुत्व की प्रयोगशाला में अखिलेश का PDA दांव, अयोध्या से अवधेश प्रसाद को बनाया उम्मीदवार
Lok Sabha Election 2024 समाजवादी पार्टी से उम्मीदवार घोषित होने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व विधायक अवधेश प्रसाद सीधे बजरंग बली के दरबार में माथा टेकने हनुमानगढ़ी अयोध्या पहुंचे। दर्शन करने के बाद उन्होंने कहा पार्टी ने उनको उम्मीदवार बना कर जो भरोसा जताया है जनसमर्थन से उस पर खरे उतरेंगे। बोले जनता उनका चुनाव लड़ेगी। वह मोदी सरकार से छुटकारा चाहती है।
आनंदमोहन, अयोध्या। Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी ने अयोध्या (फैजाबाद लोकसभा सीट) सीट से अवधेश प्रसाद को उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेला है। अवधेश प्रसाद उसके पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूले का वह चेहरा हैं, जिनके माध्यम से भाजपा को उसकी हिंदुत्व की प्रयोगशाला में चुनौती दी गई है। पीडीए का यह समीकरण पाटी के लिए हिंदुत्व की प्रयोगशाला में कितना कारगर होगा, यह तो चुनाव परिणाम से तय होगा। फिलहाल उसने अनुसूचित जाति में सम्मिलित पासी बिरादरी के अवधेश प्रसाद की उम्मीदवारी से भाजपा को उसके गढ़ में घेरने की कोशिश की है।
लोकसभा उम्मीदवार बने अवधेश पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के अलावा नौंवी बार विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पहली बार 1977 में जनता पार्टी से निर्वाचित हुए। उनके राजनीतिक कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जनता पार्टी, मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव सरकार में छह बार मंत्री रहे। सात बार सोहावल विधानसभा सीट (सुरक्षित) से वह निर्वाचित हो चुके हैं।सोहावल विधानसभा सीट परिसीमन में बीकापुर होने के बाद उनको मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट पर किस्मत आजमाने के लिए जाना पड़ा। दूसरी बार उस सीट से विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
व्यापक बड़े जनाधार और गैर विवादित नेता के रूप में है अवधेश की पहचान
2004 में पत्नी सोना देवी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। अवधेश प्रसाद की पहचान व्यापक बड़े जनाधार वाले व गैर विवादित नेता की है। जिस फैजाबाद सीट से पार्टी ने उनको उम्मीदवार बनाया है, उसमें उनका पुराना विधानसभा क्षेत्र सोहावल व वर्तमान विधानसभा क्षेत्र मिल्कीपुर उसी में आता है।
लोकसभा की पांच में से दो विधानसभा सीटों पर उनकी मजबूत पकड़ है। पीडीए के साथ ही दो विधानसभा क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ ही सामान्य सीट पर उनकी उम्मीदवारी का आधार बनी। अवधेश की उम्मीदवारी के साथ पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती सेन परिवार को मनाने की होगी। मित्रसेन यादव इस सीट से तीन बार अलग-अलग दलों से सांसद चुने जा चुके हैं। उनके निधन के बाद पार्टी ने पुत्र आनंदसेन यादव को पिछले चुनाव में उम्मीदवार बनाया था।
वह भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह से मुकाबले में हार गए। पार्टी ने उनको टिकट न देकर अवधेश प्रसाद को इस बार उम्मीदवार बनाया है। पार्टी सेन परिवार के टिकट कटने की नाराजगी को कैसे दूर करेगी, ये देखने वाला होगा।
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