Ram Mandir Ayodhya: तेजी से बन रहा राम मंदिर का मुख्य शिखर, पढ़ें कहां तक पूरा हुआ काम
अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण तेजी से हो रहा है। नवरात्रि से शुरू हुए निर्माण में अब तक तीन परतें पूरी हो चुकी हैं। देवी-देवताओं और सप्तर्षियों के मंदिरों का निर्माण भी तेज है। शेषावतार लक्ष्मण जी के मंदिर का निर्माण भी शुरू हो गया है। राम मंदिर के भूतल की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रथम और द्वितीय तल का निर्माण भी पूरा हो गया है।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण तेज गति से निरंतर आगे बढ़ रहा है। नवरात्र के दिन से प्रारंभ हुए शिखर निर्माण में अब तक शिलाओं की तीन परत का संयोजन पूरा हो गया। इसके साथ रामजन्मभूमि परिसर में बन रहे छह देवी-देवताओं व सप्तर्षियों के मंदिरों के निर्माण की गति भी तेज हो गई है। परिसर में प्रस्तावित शेषावतार लक्ष्मण जी के मंदिर का निर्माण भी प्रारंभ हो गया है। वर्तमान में इसका प्लिंथ (नींव) तैयार किया जा रहा है।
राम मंदिर के भूतल की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत प्रथम व द्वितीय तल का भी निर्माण पूर्ण हो गया है। मंदिर के दोनों तलों पर वर्तमान में अंतिम चरण के कार्य चल रहे हैं। साथ ही स्तंभों पर आइकनोग्राफी के माध्यम से मूर्तियां उकेरी जा रहीं। नवरात्र के प्रथम दिन शिला पूजन के उपरांत मुख्य शिखर का निर्माण भी प्रारंभ हो गया था। इसके बाद से निरंतर टावर क्रेन के माध्यम से वजनी शिलाएं ऊपर पहुंचाई जा रही हैं।
एक परत के संयोजन में लग रहा छह दिन का समय
पत्थरों की प्रथम परत जहां 11 अक्टूबर को संयोजित की गई थी, वहीं 19 अक्टूबर को तीसरी परत में शिलाओं का संयोजन कर दिया गया है। अब चौथी परत बिछाई जा रही है। इसके निर्माण से जुड़ी कार्यदायी संस्थाओं के अभियंताओं के अनुसार पत्थरों की एक परत के संयोजन में लगभग छह दिन का समय लग रहा है।मुख्य शिखर में कुल 29 परत में पत्थरों का संयोजन होना है। 100 फीट ऊंचे शिखर में 32 हजार घन फीट शिलाएं लगने का अनुमान है। जैसे-जैसे निर्माण होता जाएगा, इसकी परिधि घटती जाएगी।
दूसरी ओर, परिसर में बन रहे देवी-देवताओं व सप्तर्षियों के मंदिरों का निर्माण भी काफी तेज गति से हो रहा है। अब श्रमिकों की संख्या पहले से काफी बढ़ गई है, इसलिए कोई समस्या नहीं आ रही। वर्तमान में मौसम काफी अनुकूल है।अभियंताओं का कहना है कि सभी मंदिरों का निर्माण दिसंबर माह तक पूर्ण हो जाने की संभावना है। वहीं, परिसर में ही प्रस्तावित शेषावतार मंदिर के निर्माण में कुछ समय लगेगा। अभी इसके आधार (प्लिंथ) का निर्माण किया जा रहा है। यह राम मंदिर व कुबेर टीले के मध्य बनाया जा रहा है।
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