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सपा के गढ़ में दिलचस्प हुआ मुकाबला, दांव पर लगी योगी के चार मंत्रियों की साख; मिली जीत की जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश के 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है जिसको लेकर सूबे की सियासत इन दिनों काफी गर्म है। उपचुनाव में अयोध्या की मिल्कीपुर सीट काफी सुर्खियों में है। इस सीट पर अब तक सपा का कब्जा रहा है। भाजपा अब भगवा किले की यह सीट हर हाल में जीतना चाहती है। इसके लिए सीएम योगी समेत चार मंत्रियों को मिल्कीपुर सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

By lavlesh kumar mishra Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 22 Aug 2024 04:07 PM (IST)
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सीएम योगी आदित्यनाथ व सपा प्रमुख अखिलेश यादव(फाइल फोटो)

लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर प्रस्तावित उप चुनाव में मिल्कीपुर सीट भाजपा के लिए सर्वाधिक प्रतिष्ठापरक बन गई है। लोकसभा चुनाव में अयोध्या जिले वाली फैजाबाद सीट से भाजपा की हार के बाद मिल्कीपुर उप चुनाव जीत कर सत्ताधारी भाजपा पूरे देश को रामनगरी में अपनी जड़ें मजबूत होने का संदेश देने के प्रयास में है, इसीलिए पार्टी नेतृत्व और स्वयं मुख्यमंत्री उप चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए उमस भरी गर्मी में पसीना बहा रहे हैं।

भाजपा कोर कमेटी ने जहां मिल्कीपुर व कटेहरी विधानसभा की जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपी है तो वहीं मुख्यमंत्री ने अपने चार मंत्रियों को मिल्कीपुर उप चुनाव जिताने का टास्क दिया है।

अवधेश प्रसाद के सांसद बनने पर खाली हुई सीट

मिल्कीपुर सुरक्षित विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव निवर्तमान विधायक अवधेश प्रसाद के लोकसभा सदस्य चुने जाने के कारण होने जा रहा है। निर्वाचन आयोग ने भले अभी चुनाव की तारीख नहीं घोषित की है, पर राजनीतिक दलों के सभी दावेदार अपने-अपने स्तर से क्षेत्रीय जनता को लुभाने में जुट गए हैं।

मुख्य विपक्षी दल सपा से जहां सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद प्रबल दावेदार बताए जा रहे तो भाजपा से लगभग दो दर्जन दावेदार सामने आ चुके हैं। लोकसभा चुनाव में मिली हार की टीस भाजपा मिल्कीपुर उप चुनाव जीत कर कम करना चाह रही है। इसी कारण पार्टी ने इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। रामनगरी की विधानसभा सीट होने के नाते पार्टी आलाकमान भी यह सीट हर हाल में जीतना चाहता है।

सीएम योगी को मिली मिल्कीपुर की जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने भी उप चुनाव वाली प्रदेश की सभी दस सीटों पर पार्टी की जीत सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी ले रखी है। यही वजह है कि भाजपा कोर कमेटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिल्कीपुर के साथ पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर की कटेहरी विधानसभा सीट की भी जिम्मेदारी दे रखी है।

दोनों विधानसभा क्षेत्रों में वृहद स्तर पर योगी के सरकारी कार्यक्रम भी हो चुके हैं। योगी स्वयं तो यह कर्तव्य निभा रहे हैं, अपनी कैबिनेट के चार मंत्रियों कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह व खाद्य रसद मंत्री सतीश चंद्र शर्मा को भी मिल्कीपुर सीट का जिम्मा दे रखा है।

ये मंत्री न केवल पार्टी के सभी दावेदारों के जनाधार, क्षेत्रीय लोगों में छवि, क्षेत्र में उनकी सक्रियता आदि का आकलन कर रहे हैं, बल्कि क्षेत्र में होने वाले सभी कार्यक्रमों व जनसभाओं का निर्देशन भी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी स्तर पर दावेदारों की हो रही स्क्रीनिंग में भी इन मंत्रियों का सुझाव लिया जा रहा है। सीधे योगी के जिम्मेदारी सौंपने के कारण मिल्कीपुर उप चुनाव चारों मंत्रियों के लिए भी किसी परीक्षा के समान ही माना जा रहा है। चुनाव में पार्टी जीती तो मंत्रियों को भी इसका श्रेय अवश्य मिलेगा।

पड़ोसी जिलों से विधायक हैं तीन मंत्री

सीएम ने जिन चार मंत्रियों को मिल्कीपुर उप चुनाव की जिम्मेदारी सौंप रखी है, उनमें तीन अयोध्या के पड़ोसी जिलों से विधायक हैं। सूर्यप्रताप शाही जिला के प्रभारी मंत्री होने के साथ देवरिया की पथरदेवा सीट से कई बार के विधायक हैं।

वह जिले की भौगोलिक स्थिति से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं और उनकी स्थानीय लोगों में गहरी पैठ भी है। इसी तरह मयंकेश्वर शरण सिंह अमेठी के तिलोई से, विधायक गिरीशचंद्र यादव जौनपुर सदर से और सतीशचंद्र शर्मा बाराबंकी की दरियाबाद विधानसभा सीट से विधायक हैं। दरियाबाद फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा भी है।

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