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Milkipur Seat : अवधेश के बदले दांव से मिल्कीपुर उप चुनाव की तस्वीर धुंधली, भाजपा पर हारने के डर से उपचुनाव को टलवाने का आरोप

15 दिन बाद सुनवाई होने पर उप चुनाव पर छाई धुंध साफ हो सकेगी। 2022 में निर्वाचित विधायक अवधेश प्रसाद के त्यागपत्र देने से यह उप चुनाव होना है। 2024 के लोकसभा चुनाव में वह सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। निर्वाचन आयोग की तरफ से उप चुनाव का कार्यक्रम जारी न होने पर भाजपा पर हारने के डर से उपचुनाव को टलवाने का आरोप सांसद लगा चुके हैं।

By Anand Mohan Pandey Edited By: Mohammed Ammar Updated: Thu, 17 Oct 2024 08:00 PM (IST)
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गोरखनाथ की विचाराधीन याचिका की वापसी में सपा का अड़ंगा।

जासं, अयोध्या। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उप चुनाव को लेकर उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान नया मोड़ आ गया है। भाजपा नेता व पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा के याचिका वापस लेने पर सांसद अवधेश प्रसाद के बदले दांव ने सभी को चौंका दिया। उनके अधिवक्ताओं के विरोध के बाद उसे गुरुवार को वापस नहीं लिया जा सका। सुनवाई के लिए दो सप्ताह की लिस्टिंग कोर्ट से किये जाने के बाद प्रदेश की नौ अन्य विधानसभा सीटों के साथ यहां उप चुनाव की संभावना क्षीण हो चली है।

भाजपा पर लगा चुके हैं चुनाव टलवाने का आरोप

15 दिन बाद सुनवाई होने पर उप चुनाव पर छाई धुंध साफ हो सकेगी। 2022 में निर्वाचित विधायक अवधेश प्रसाद के त्यागपत्र देने से यह उप चुनाव होना है। 2024 के लोकसभा चुनाव में वह सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। निर्वाचन आयोग की तरफ से उप चुनाव का कार्यक्रम जारी न होने पर भाजपा पर हारने के डर से उपचुनाव को टलवाने का आरोप सांसद लगा चुके हैं।

याचिका काे आधार बना चुनाव का कार्यक्रम जारी नहीं हुआ

विधानसभा से त्यागपत्र देने के बाद अवधेश प्रसाद के पक्ष की तरफ से याचिका वापस लेने पर की गई आपत्ति से उसे मिल्कीपुर क्षेत्र के लोग भी हतप्रभ हैं जिनको विधानसभा में अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजना है। सांसद के कोर्ट में बदले रुख पर अब भाजपा सवाल खड़े करेगी, जिनका जवाब जनता में उनको देना होगा। निर्वाचन आयोग ने अवधेश प्रसाद के विधायक निर्वाचन के विरुद्ध उच्च न्यायालय में विचाराधीन याचिका काे आधार बना कर मिल्कीपुर उप चुनाव का कार्यक्रम जारी नहीं किया।

पूर्व विधायक पहुंचे हाईकोर्ट

भाजपा के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा विधानसभा के उस चुनाव में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से हार गये थे। विचाराधीन याचिका निर्वाचित विधायक अवधेश प्रसाद के नामांकन में लगे शपथपथ की वैधता को लेकर है। उप चुनाव टलने के बाद अयोध्या से लेकर दिल्ली तक शुरू विपक्षी हमले के बाद पूर्व विधायक हाईकोर्ट पहुंचे।

तर्क दिया कि विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से उनके त्यागपत्र दिये जाने के कारण अब उस याचिका का मतलब नहीं रह गया, इसी आधार पर उसे वापस लेने को कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया जिसकी सुनवाई में सांसद के पक्ष ने विरोध कर सत्तापक्ष को मु़काबले का नया चुनावी शस्त्र दे दिया।

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