अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर का समग्र निर्माण अगले वर्ष 30 जून तक पूरा हो जाएगा। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने यह जानकारी दी है। मंदिर के शिखर का निर्माण फरवरी तक पूरा होने की संभावना है। परिसर में सप्त मंदिर पुष्करणी विशाल ऑडिटोरियम संतों के लिए अतिथि गृह और रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का भवन भी होगा।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामजन्मभूमि परिसर का समग्र निर्माण अगले वर्ष 30 जून तक पूरा हो सकेगा। यह जानकारी राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दी। वह रामजन्मभूमि परिसर में ही स्थित कार्यदायी संस्था एलएंडटी के कार्यालय में हुई मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि राम मंदिर के शिखर के निर्माण में 120 दिन का समय अनुमानित है और ऐसे में अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से शुरू होने वाले शिखर का निर्माण 31 जनवरी या फरवरी तक पूरा होने की संभावना है।
निर्माण के क्रम में सप्त मंदिर और उसके बीच पुष्करणी यानी सरोवर भी प्रस्तावित है।
जयपुर में हो रहा मूर्तियों का निर्माण
सप्त मंदिरों में विभिन्न मूर्तियों की स्थापना होनी है। इन मूर्तियों का निर्माण जयपुर में हो रहा है और इनका निर्माण 15 नवंबर तक पूर्ण होना है। रामजन्मभूमि परिसर विशाल आडिटोरियम, संतों के अतिथि गृह तथा रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के भवन से भी युक्त होगा।
इसके निर्माण का दायित्व उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को सौंपा गया है। नृपेंद्र मिश्र के अनुसार अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में आडिटोरियम निर्माण की आधारशिला रखी जानी संभावित है और इसके बाद आडिटोरियम सहित अतिथि गृह तथा तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के भवन निर्माण में आठ माह लगेंगे।
मंदिर निर्माण समिति राम मंदिर की भव्य लाइटिंग के भी प्रति गंभीर है और इसके लिए देश की प्रतिष्ठित कंपनियों सहित विदेश तक की कंपनियों के टेंडर आमंत्रित किए जाने की तैयारी चल रही है। यद्यपि मिश्र ने स्पष्ट किया कि यह लाइटिंग राम मंदिर की गरिमा और पवित्रता के अनुरूप होगी, न कि किसी पिकनिक स्पाट का कौतूहल पैदा करने वाली।
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