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प्रधानमंत्री नहीं देंगे भाषण, 40 मिनट तक चलेगा अनुष्ठान; प्राण प्रतिष्ठा के दिन क्या-क्या होगा यहां जानिए

नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा निर्मित प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह घोषणा रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने की। वह रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की रामघाट स्थित मंदिर निर्माण कार्यशाला में संवाददाताओं से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रस्ट के सदस्यों ने आम सहमति से अरुण योगीराज द्वारा निर्मित प्रतिमा पसंद की।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 15 Jan 2024 08:27 PM (IST)
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पीएम मोदी नहीं देंगे भाषण… 40 मिनट तक चलेगा अनुष्ठान।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा निर्मित प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह घोषणा रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने की। वह रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की रामघाट स्थित मंदिर निर्माण कार्यशाला में संवाददाताओं से वार्ता कर रहे थे। 

उन्होंने यह भी बताया कि ट्रस्ट के सदस्यों ने आम सहमति से अरुण योगीराज द्वारा निर्मित प्रतिमा पसंद की। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने अरुण योगीराज की कला को प्रशंसित भी किया और याद दिलाया कि योगीराज केदारनाथ में स्थापित शंकराचार्य तथा दिल्ली के इंडिया गेट पर स्थापित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा निर्मित कर पहले से ही मूर्तिकार के रूप में स्थापित हैं।

12:20 से एक बजे तक चलेगा पूजन

ट्रस्ट महासचिव ने स्पष्ट किया कि रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान तो मंगलवार से ही शुरू हो रहा है, किंतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य पूजन 22 जनवरी को मध्याह्न 12:20 से एक बजे तक चलेगा।

भाषण न देकर मनोभाव प्रकट करेंगे प्रधानमंत्री

प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री सहित संघ प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्बोधन भी होगा। चंपत राय के अनुसार, इसे भाषण या उद्बोधन कहना उचित नहीं होगा, बल्कि इस ऐतिहासिक एवं महनीय अवसर पर प्रधानमंत्री सहित अन्य विशिष्ट जन अपने मनोभाव प्रकट करेंगे, जबकि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास आशीर्वचन देंगे।

21-22 को दर्शन बंद रखने पर विचार

तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि 22 जनवरी को गर्भगृह में रामलला के विग्रह की स्थापना से जुड़ी तैयारियों को ध्यान में रखकर वैकल्पिक गर्भगृह में विराजे रामलला का दर्शन 21 एवं 22 जनवरी को बंद रखे जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दौरान रामलला की नियमित पूजा-आरती एवं भोग-राग का क्रम निर्बाध रूप से चलेगा।

18 जनवरी को ही स्थापित कर दी जाएगी प्रतिमा

18 तारीख को गर्भगृह में अपने स्थान पर रामलला की प्रतिमा स्थापित कर दी जाएगी, किंतु स्थापना की प्रक्रिया प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के रूप में चलती रहेगी और 22 जनवरी को एक बजे प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की पूर्णाहुति के साथ स्थापना की प्रक्रिया पूर्ण होगी। इसके बाद ही नए गर्भगृह में रामलला का दर्शन-पूजन शुरू हो सकेगा।

विभिन्न प्रांतों के प्रतिनिधि वाद्यों का होगा वादन

प्राण प्रतिष्ठा की अपूर्व बेला में विभिन्न प्रांतों के प्रतिनिधि वाद्यों का वादन होगा। इनमें उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी और ढोल, कर्नाटक की वीणा, महाराष्ट्र की सुंदरी, पंजाब का अलगोजा, उड़ीसा का मर्दल, मध्य प्रदेश का संतूर, मणिपुर का पुंग, असम का नगाड़ा, छत्तीसगढ़ का तंबूरा, बिहार का पखावज, दिल्ली की शहनाई, राजस्थान का रावण हत्था, पश्चिम बंगाल का सरोद एवं श्रीखोल, आंध्र प्रदेश का घटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतार, तमिलनाडु का नागस्वरम, तविल और मृदंगम तथा उत्तराखंड का हुड़का शामिल है।

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